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सीआइसी ने पूछा, भाजपा संसदीय दल को आरटीआइ के तहत क्यों न लाया जाए?

बिहार के विष्णु देव भंडारी ने एक आरटीआइ याचिका दाखिल कर पूछा था कि उनके संसदीय क्षेत्र मधुबनी में एमपी एमपीलैड के तहत परियोजनाओं का चयन और प्रगति कैसे होती है।

By Tilak RajEdited By: Published: Sat, 19 Aug 2017 07:45 AM (IST)Updated: Sat, 19 Aug 2017 10:40 AM (IST)
सीआइसी ने पूछा, भाजपा संसदीय दल को आरटीआइ के तहत क्यों न लाया जाए?
सीआइसी ने पूछा, भाजपा संसदीय दल को आरटीआइ के तहत क्यों न लाया जाए?

नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) ने लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के चीफ व्हिप, नेता और उपनेता से पूछा है कि सूचना के अधिकार (आरटीआइ) अधिनियम के तहत पार्टी संसदीय दल को लोक प्राधिकरण क्यों न घोषित कर दिया जाए? भाजपा को जवाब देने के लिए सात सितंबर को दोपहर दो बजे का वक्त दिया गया है।

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दरअसल, बिहार के विष्णु देव भंडारी ने एक आरटीआइ याचिका दाखिल कर पूछा था कि उनके संसदीय क्षेत्र मधुबनी में एमपी लोकल एरिया डिवेलेपमेंट स्कीम (एमपीलैड) के तहत परियोजनाओं का चयन और प्रगति कैसे होती है। लोकसभा में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भाजपा के हुकुमदेव नारायण यादव करते हैं।

भंडारी की याचिका का सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष भी अपील की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद ही मामला सीआइसी में पहुंचा है।

यह भी पढ़ें: सूचना आयोग ने स्कूल शिक्षा विभाग को बताए आरटीआइ के प्रावधान


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