भाजपा विधायक संगीत सोम की जेड श्रेणी की सुरक्षा बनी सियासी मुद्दा
मेरठ के सरधना क्षेत्र के भाजपा विधायक संगीत सोम को केंद्र से मिली जेड श्रेणी सुरक्षा सियासी मुद्दा बन गई है। उप्र सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी सोम की जेड श्रेणी सुरक्षा से पल्ला झाड़ लिया है और दो टूक कहा है कि इस बारे में केंद्र ने सहमति तक नहीं ली।
लखनऊ। मेरठ के सरधना क्षेत्र के भाजपा विधायक संगीत सोम को केंद्र से मिली जेड श्रेणी सुरक्षा सियासी मुद्दा बन गई है। उप्र सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी सोम की जेड श्रेणी सुरक्षा से पल्ला झाड़ लिया है और दो टूक कहा है कि इस बारे में केंद्र ने सहमति तक नहीं ली।
केंद्र सरकार ने संगीत सोम को जेड श्रेणी सुरक्षा राज्य सरकार की सहमति के बिना दी है। इसके पहले भी बेनी प्रसाद वर्मा समेत कई नेताओं को जेड श्रेणी की सुरक्षा दी जा चुकी है। इस सुरक्षा को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ी है और इसके निहितार्थ भी तलाशे जा रहे हैं। मंगलवार को प्रदेश के गृह सचिव कमल सक्सेना ने पत्रकारों को बताया कि राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश और खतरे के मद्देनजर सोम को वाई श्रेणी सुरक्षा दी है। केंद्र की जेड श्रेणी सुरक्षा की जानकारी हमारे पास नहीं है। श्रेणीबद्ध सुरक्षा राज्य सरकार का विषय है। यह अभिसूचना और इंटेलीजेंस ब्यूरो के इनपुट के आधार पर दी जाती है। लेकिन केंद्र ने राज्य सरकार से इसके लिए कोई इनपुट नहीं लिया।
इस मामले में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अशोक सिंह का कहना है कि संगीत सोम को जेड श्रेणी की सुरक्षा देकर भाजपा ने अपना चरित्र उजागर कर दिया है। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि यह तो केंद्र का विशेषाधिकार है, लेकिन जो दंगे के आरोपों से घिरा हो उसे जेड श्रेणी सुरक्षा देकर महिमा मंडित करने की परंपरा अच्छी शुरुआत नहीं है।
सोम की सुरक्षा को केंद्र ने बताया सही
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सरधना विधायक संगीत सोम को जेड श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराने को सही करार दिया गया है। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने सोम पर अतिवादी संगठनों द्वारा हमले की आशंका को लेकर गृह मंत्रालय को सावधान किया था। मंत्रालय के अनुसार सोम पर खतरे की आशंका का आकलन करने के बाद ही उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया गया। संगीत सोम पिछले साल हुए मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी हैं।
गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी व्यक्ति को सुरक्षा देने की एक निश्चित प्रक्रिया है। खुफिया एजेंसियां ऐसे व्यक्ति पर खतरे की आशंका का आकलन करती हैं और उसके बाद ही यह तय किया जाता है कि उसे किस स्तर की सुरक्षा की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश सरकार की ओर से संगीत सोम को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है, जिसे खुफिया एजेंसियों ने अपर्याप्त बताया है। एजेंसियों की रिपोर्टो की पड़ताल के बाद सोम को सीआरपीएफ के कमांडो वाली जेड श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया गया।