केंद्र ने दो नाकारा वरिष्ठ आईपीएस को घर बैठाया,एक छत्तीसग़़ढ कैडर का
छत्तीसगढ़ कैडर के 1992 बैच के आइपीएस अधिकारी राजकुमार देवांगन और 1998 बैच के यूटी कैडर के मयंक शील चौहान पर यह कार्रवाई हुई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने दो वरिष्ठ आइपीएस अफसरों को नकारे प्रदर्शन के लिए जबरन सेवानिवृत कर दिया है। इन दोनों पर अपना काम सही तरीके से नहीं करने और विभाग पर बोझ बनने का आरोप है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी दी थी कि जो सही तरीके से काम नहीं करेगा या जिसका सर्विस रिकार्ड सही नहीं होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ कैडर के 1992 बैच के आइपीएस अधिकारी राजकुमार देवांगन और 1998 बैच के यूटी कैडर के मयंक शील चौहान पर यह कार्रवाई हुई है। नियम के मुताबिक आइपीएस अधिकारियों के 15 और 25 साल पूरा होने बाद हर राज्य अफसरों का आकलन करता है। यदि आंकलन में अधिकारी का काम सही नहीं पाया जाता है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई किये जाने का प्रावधान है। लेकिन सरकार इस प्रावधान का उपयोग नहीं के बराबर करती रही है। इस कारण नकारा अधिकारी भी समयबद्ध प्रोन्नति पाते हुए ऊंचे पदों पर पहुंच जाते हैं।
लेकिन अधिकारियों के कामकाज को लेकर सख्त मोदी सरकार ने इन दोनों अधिकारियों के कामकाज के आंकलन में नकारा साबित होने के बाद कड़ी कार्रवाई का फैसला किया है। इन दोनों अधिकारियों को तीन महीने पहले ही नोटिस देकर जबरन सेवानिवृति के बारे में बता दिया गया था। इसके बाद अब तीन महीने का वेतन देकर जबरन सेवानिवृत कर दिया गया है। नियुक्ति से संबधित मंत्रिमंडलीय समिति ने गृहमंत्रालय के फैसले पर अपनी मुहर भी लगा दी है।
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