अरुणाचल पर लिए निर्णय से पीछे हटा केंद्र
केंद्र पूर्वोत्तर राज्य असम की सीमा से लगते अरुणाचल प्रदेश के सभी 12 जिलों को सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) के तहत अशांत क्षेत्र घोषित करने के अपने फैसले से पीछे हट गया है। मुख्यमंत्री नबाम तुकी की ओर से सख्त नाराजगी जताने के बाद गृह मंत्रालय ने इसको लेकर
नई दिल्ली केंद्र पूर्वोत्तर राज्य असम की सीमा से लगते अरुणाचल प्रदेश के सभी 12 जिलों को सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) के तहत अशांत क्षेत्र घोषित करने के अपने फैसले से पीछे हट गया है। मुख्यमंत्री नबाम तुकी की ओर से सख्त नाराजगी जताने के बाद गृह मंत्रालय ने इसको लेकर अब नया आदेश जारी किया है।
गृह मंत्रालय ने 27 मार्च, 2015 को एक अधिसूचना जारी कर असम की सीमा से लगते अरुणाचल प्रदेश के 12 जिलों को अशांत क्षेत्र घोषित किया था। नबाम तुकी ने केंद्र पर राज्य से सलाह-मशवरे के बगैर निर्देश जारी करने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि इन सभी जिलों में स्थिति शांतिपूर्ण है। सामाजिक और छात्र संगठनों ने भी कड़ी आपत्ति जताई थी।
ताजा निर्देश के तहत असम से लगते अरुणाचल प्रदेश के आठ जिलों के 15 थानों को ही अशांत क्षेत्र घोषित किया गया है। इसके अलावा तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों को पूर्ण रूप से अशांत क्षेत्र की श्रेणी में रखा गया है। इस तरह अरुणाचल प्रदेश के 11 जिले आंशिक या पूर्ण रूप से अफस्पा के दायरे में हैं। इन क्षेत्रों में अगले छह महीनों तक विशेष कानून लागू रहेगा।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में असम की सीमा से लगते अरुणाचल प्रदेश के चुनिंदा थानों के इलाकों की स्थिति को कानून और व्यवस्था के लिहाज से गंभीर चिंता का विषय बताया गया है। केंद्र के अनुसार इन इलाकों में उग्रवादी संगठनों के अलावा नक्सली भी अपना पैर पसार रहे हैं।
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