कोयला घोटाला: नवीन जिंदल से सीबीआइ ने की पूछताछ
कोयला घोटाले में सीबीआइ ने जिंदल औद्योगिक समूह के प्रमुख व कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल से पूछताछ की। वैसे दूसरे आरोपियों की तरह जिंदल को सीबीआइ मुख्यालय बुलाने के बजाय उनके बताए गुप्त स्थान पर खुद जांच अधिकारी पूछताछ करने पहुंचे। ध्यान देने की बात है कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में गवाह के रूप में पूछताछ के लिए
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। कोयला घोटाले में सीबीआइ ने जिंदल औद्योगिक समूह के प्रमुख व कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल से पूछताछ की। वैसे दूसरे आरोपियों की तरह जिंदल को सीबीआइ मुख्यालय बुलाने के बजाय उनके बताए गुप्त स्थान पर खुद जांच अधिकारी पूछताछ करने पहुंचे। ध्यान देने की बात है कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में गवाह के रूप में पूछताछ के लिए सीबीआइ ने अनिल अंबानी को मुख्यालय में तलब किया था। जिंदल पर मेहरबानी को सीबीआइ की 'पिंजड़े में कैद तोते' वाली मानसिकता से जोड़कर देखा जा रहा है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, जिंदल से लगभग पांच घंटे तक घोटाले से संबंधित सवाल पूछे गए। वैसे जिंदल ने अपने ग्रुप की दो कंपनियों- जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड व गगन स्पांज की ओर से झारखंड के अमरकोंडा मुर्गा डांगल कोयला ब्लॉक आवंटन में किसी तरह की गड़बड़ी से इन्कार किया, लेकिन उनके पास तत्कालीन कोयला राज्य मंत्री दासरि नारायण राव की कंपनी में 2.25 करोड़ रुपये के निवेश के बाबत संतोषजनक जवाब नहीं था। इस मामले में दासरि नारायण राव भी आरोपी हैं।
सीबीआइ की एफआइआर के अनुसार, कोयला ब्लॉक पाने के लिए जिंदल समूह की दोनों कंपनियों ने झूठे हलफनामे दिए, जिनमें जमीन और पानी की उपलब्धता को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना और पहले एक भी कोयला ब्लॉक आवंटित नहीं होने का दावा शामिल है। सच यह है कि समूह की कंपनियों को पांच कोयला ब्लॉक पहले से आवंटित थे। नारायण राव की मदद से झूठे हलफनामे के बाद भी जनवरी 2008 में इन दोनों कंपनियों को कोयला ब्लॉक आवंटित कर दिया गया।
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