खुलासा : कोल ब्लॉक में CBI के बड़े अफसर जांच कर रहे हैं प्रभावित
कोल ब्लॉक आवंटन में सीबीआई के बड़े अधिकारी ही जांच को प्रभावित कर रहे हैं। जांच अधिकारी ने इस सिलसिले में सीबीआई निदेशक को चिठ्ठी लिखी है।
नई दिल्ली। कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में सीबीआई के एक जांच अधिकारी ने सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। जांच अधिकारी का कहना है कि सीबीआई के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने घूस की मोटी रकम लेकर आरोपियों को बचाने की कोशिश की।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक जांच अधिकारी ने सीबीआई निदेशक को चिठ्ठी लिखी है। चिठ्ठी में जिक्र किया गया है कि किस तरह से कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने मोटी घूस लेकर आरोपियों के खिलाफ मामलों को या तो रफा-दफा करने की कोशिश की या मामले को कमजोर बनाने के हथकंडे अपनाए।
कोल ब्लॉक घोटाला-तीन मामलों में एक साथ ट्रायल की मांग
एक मामले का जिक्र करते हुए जांच अधिकारी ने कहा कि पहले सुप्रीम कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गयी। लेकिन कोल ब्लॉक पाने वाले कंपनी के निदेशक ने जब घूस देने से मना किया तो उसके केस को दोबारा खोलने की धमकी दी गयी। तीन पेज की शिकायत वाली अर्जी मार्च महीने के अंतिम दिनों में सीबीआई निदेशक अनिल सिन्हा को भेजी गयी थी। इस मामले में जब सीबीआई से उसके पक्ष को जानने की कोशिश की गयी तो सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया।
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बताया जा रहा है कि जांच अधिकारी द्वारा लिखे पत्र पर सीबीआई निदेशक ने संज्ञान लिया है। पत्र में 24 मामलों में जांच को प्रभावित करने का जिक्र है। पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि किस तरह से भ्रष्ट अधिकारी जांच अधिकारी को धमकी दे रहे हैं ताकि वो सुप्रीम कोर्ट में वो सच न बोल सके।
सीबीआई किन मुद्दों की कर रही है जांच
पहली प्रारंभिक जांच
2005 के बाद कोल ब्लॉक आवंटन का मामला है। इसमें १६८ कंपनियों की जांच की जा रही है।
दूसरी प्रारंभिक जांच
1993 से लेकर 2005 के बीच के मामले हैं। 43 कोल ब्लॉक आवंटन की जांच जारी है। बहुत से मामले ऐसे हैं जिनमें एक ही कोल ब्लॉक को एक से ज्यादा कंपनियों को आवंटित किया गया है।
तीसरी प्रारंभिक जांच
101 कोल ब्लॉक आवंटन का मामला है जो सरकारी उपक्रमों से जुड़ी है। 26 कोल ब्लॉक को पृथक तौर से या संयुक्त रूप से सरकारी उपक्रमों को आवंटित की गयी थी। 75 कोल ब्लॉक को 19 राज्य सरकारों की उपक्रमों को आवंटित किया गया था।
सीबीआई ने दिसंबर 2015 तक 54 आरसी दर्ज की है। अब तक एक दर्जन केसों में चार्जशीट दायर की गयी है।
38 अधिकारियों के हवाले जांच
सीबीआई के 38 अधिकारियों की सूची सुप्रीम कोर्ट में पेश की गयी है। जो इन मामलों की जांच कर रहे हैं। अदालत के आदेश के बगैर किसी भी अधिकारी को नहीं बदला जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कोल ब्लॉक मामले की जांच के लिए नई दिल्ली में विशेष अदालत का गठन किया गया है।
सीबीआई और उसके अधिकारी सिर्फ केंद्रीय सतर्कता आयोग, प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई के पूर्व स्पेशल डॉयरेक्टर एम एल शर्मा से जानकारी साझा कर सकते हैं। एम एल शर्मा कोल ब्लॉक मामले में सीबीआई के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा की भूमिका की जांच कर रहे हैं।
गौरतलब है कि सीबीआई सुप्रीम कोर्ट में अब तक 15 प्रोग्रेस रिपोर्ट दाखिल कर चुकी है। कोल ब्लॉक से संबंधित कुछ मामलों को बंद करने की याचिका पर अदालत ने केंद्रीय सतर्कता आयोग से जांच करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में 4 मई को सु्प्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है