सीबीआई ने अपने ही पूर्व डायरेक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया
एपी सिंह के बाद रंजीत सिन्हा सीबीआई के दूसरे ऐसे डायरेक्टर हैं जिनके खिलाफ अपनी ही एजेंसी जांच करेगी।
नई दिल्ली, जेएनएन। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानि सीबीआई ने अपने पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनयम (प्रिवेंशन पर करप्शन एक्ट) की विभिन्न धाराओं के तहत मंगलवार को केस दर्ज किया है। पूर्व सीबीआई निदेशक पर कोयला घोटाला के आरोपियों के साथ बैठक कर मामले को प्रभावित करने का आरोप है।
एपी सिंह के बाद रंजीत सिन्हा सीबीआई के दूसरे ऐसे डायरेक्टर हैं जिनके खिलाफ अपनी ही एजेंसी जांच करेगी। इससे पहले एपी सिंह को मीट एक्सपोर्टर मोइन कुरैशी के साथ भ्रष्टाचार के आरोप में केन्द्रीय जांच एजेंसी की तरफ से केस दर्ज किया गया था।
सीबीआई ने रंजीत सिन्हा के खिलाफ सोमवार को भ्रष्टाचार निरोधक रोकथाम की धारा- 13(2) यानि आपराधिक व्यवहार, धारा 13(1) यानि अपने ऑफिशियल पदों का दुरूपयोग कर भ्रष्टाचार में संलिप्त रहना के तहत एफआईआर दर्ज की थी। अगर रंजीत सिन्हा इस केस में अदालत की तरफ से दोषी करार दिए जाते हैं तो पूर्व सीबीआई निदेश को सात साल तक की कैद की सज़ा सुनाई जा सकती है।
दिसंबर 2012 से 2014 तक दो सालों के लिए सीबीआइ निदेशक रहे रंजीत सिन्हा पर पद पर रहने के दौरान ही कोयला घोटाले के आरोपियों से मुलाकात कर जांच को प्रभावित करने के आरोप लगे थे। उनके सरकारी आवास का विजिटर रजिस्टर भी सामने आ गया था, जिससे आरोपियों से मुलाकात की पुष्टि होती है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ के पूर्व अतिरिक्त निदेशक एमएल शर्मा को इस पर रिपोर्ट देने को कहा था। एमएल शर्मा ने भी अपनी रिपोर्ट में जांच प्रभावित करने की आशंका की पुष्टि कर दी थी। इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस साल जनवरी में सीबीआइ को पूरे मामले की विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित कर जांच करने का आदेश दिया था।
सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इसी आदेश के तहत एफआइआर दर्ज की गई है। एफआइआर में केवल रंजीत सिन्हा को आरोपी बनाया गया है। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13(2) और 13 (1)(डी) के तहत एफआइआर दर्ज की गई है। सीबीआइ के भ्रष्टाचार निरोधक ईकाई के एसपी किरण एस को इसका जांच अधिकारी बनाया गया है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जल्द ही रंजीत सिन्हा को पूछताछ के लिए समन किया जाएगा और उनसे कोयला घोटाले के आरोपियों से मुलाकात के बारे में सवाल किये जाएंगे।
रंजीत सिन्हा आरोपियों से मुलाकात को सामान्य मुलाकात बताते रहे हैं और जांच को प्रभावित करने से इनकार करते रहे हैं। लेकिन उन्हें यह बताना होगा कि सामान्य मुलाकात के दौरान केस से संबंधित जांच अधिकारी को क्यों नहीं बुलाया गया और निदेशक को आरोपियों से अकेले में मिलने की क्या जरूरत थी। इसके साथ ही सीबीआइ कोयला घोटाले की फाइलों की पड़ताल यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि आरोपियों से मुलाकात के बाद उनसे संबंधित केस को उन्होंने प्रभावित करने की कोशिश तो नहीं की थी।
कोयला घोटाले के आरोपियों से मुलाकात के साथ-साथ रंजीत सिन्हा मांस निर्यातक मोइन कुरैशी के साथ संबंधों को लेकर भी घिर सकते हैं। ईडी ने पिछले महीने सीबीआइ को मोइन कुरैशी और रंजीत सिन्हा की बातचीत का टेप सौंपा है। बताया जाता है कि इस बातचीत में सीबीआइ की जांच को प्रभावित करने की बात भी शामिल है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह टेप भी जांच के दायरे में है। -
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