एंबुलेंस घोटाले में सीबीआइ छापेमारी
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने एंबुलेंस घोटाले के सिलसिले में जिगित्सा हेल्थ केयर लिमिटेड के निदेशकों के आवासीय परिसरों पर छापेमारी की है। राजस्थान सरकार द्वारा 2010 में जिगित्सा हेल्थ केयर को एंबुलेंस सेवा का ठेका देने में धांधली का आरोप है।
नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने एंबुलेंस घोटाले के सिलसिले में जिगित्सा हेल्थ केयर लिमिटेड के निदेशकों के आवासीय परिसरों पर छापेमारी की है। राजस्थान सरकार द्वारा 2010 में जिगित्सा हेल्थ केयर को एंबुलेंस सेवा का ठेका देने में धांधली का आरोप है।
राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार ने इस मामले में सीबीआइ में प्राथमिकी दर्ज करवाई है। सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसी ने शनिवार को कंपनी के वर्तमान निदेशकों श्वेता मंगल, नरेश जैन और रवि कृष्ण के घरों की तलाशी ली। सीबीआइ प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी के निदेशकों व अन्य अधिकारियों के खिलाफ आइपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 467 (जालसाजी) समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
हालांकि प्राथमिकी में शामिल सभी लोगों ने घोटाले में अपनी भागीदारी से इन्कार किया है। उन्होंने राज्य सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया है। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने चेन्नई में बताया कि कंपनी के प्रशासनिक कामकाज से उनका कोई लेनादेना नहीं था। उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ 24 फरवरी, 2012 तक जिगित्सा का स्वतंत्र गैर कार्यकारी निदेशक था।
प्राथमिकी में कई बड़े नाम
राजस्थान सरकार ने इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल सचिन पायलट, पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम और व्यालार रवि के बेटे रवि कृष्ण के खिलाफ सीबीआइ में प्राथमिकी दर्ज करवाई है।
इसके अलावा प्राथमिकी में जिगित्सा हेल्थ केयर, इसकी निदेशक श्वेता मंगल, राज्य के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री दुरु मिर्जा और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के निदेशक का नाम भी शामिल है।