अदाणी के बंदरगाह के विरोध में थाने पर हमला करने वाले 3000 लोगों पर मुकदमा, 40 पुलिसकर्मियों सहित अन्य घायल
केरल के विझिंजम में अदाणी समूह द्वारा बनाए जा रहे बंदरगाह के विरोध में थाने पर हमला मामले में सोमवार को 3000 से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। हमलावरों पर अवैध रूप से जमा होने दंगा करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप लगाए गए हैं।
तिरुवनंतपुरम, पीटीआइ। केरल के विझिंजम में अदाणी समूह द्वारा बनाए जा रहे बंदरगाह के विरोध में थाने पर हमला मामले में सोमवार को 3,000 से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। हमलावरों पर अवैध रूप से जमा होने, दंगा करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने कहा कि लैटिन कैथोलिक चर्च के नेतृत्व में उग्र भीड़ ने रविवार शाम लोहे की छड़, लाठी और ईंटों का इस्तेमाल करते हुए पुलिस स्टेशन को निशाना बनाया और अधिकारियों पर हमला किया।
हमले में 40 पुलिसकर्मियों सहित अन्य घायल
जानकारी के अनुसार, हमले में 40 पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए थे। हमले से करीब 85 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। केरल सरकार ने अन्य जिलों से और पुलिस अधिकारियों को तैनात किया है। प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि बंदरगाह परियोजना को पूरी तरह बंद कर दिया जाए। निर्माणाधीन बंदरगाह पर 26 नवंबर को भी हिंसक झड़प हुई थी। पुलिस ने 26 नवंबर को हुई झड़प मामले में भी कई मुकदमे दर्ज किए हैं।
सामग्री ला रहे ट्रकों पर हमला
आरोपितों में आर्कबिशप थामस जे. नेट्टो सहित लैटिन कैथोलिक चर्च के 15 से अधिक पादरी शामिल हैं। झड़प को लेकर 110 से अधिक लोगों और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं। इस बीच पुलिस ने झड़प मामले में हिरासत में लिए गए पांच लोगों में से चार को रिहा कर दिया। लैटिन कैथोलिक चर्च के नेतृत्व में विझिंजम बंदरगाह का विरोध करने वालों ने शनिवार को उन ट्रकों पर हमला किया था, जो बंदरगाह स्थल पर निर्माण सामग्री ला रहे थे। स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया। इस कारण दोनों समूहों के बीच झड़प हो गई। इस झड़प में दोनों पक्षों के कई लोग घायल हो गए थे।
नुकसान की भरपाई प्रदर्शनकारियों से होगी
राज्य सरकार ने केरल हाई कोर्ट को बताया कि विझिंजम बंदरगाह को लेकर हिंसक विरोध और हमले से हुए नुकसान की भरपाई प्रदर्शनकारियों से की जाएगी। विरोध प्रदर्शनों के कारण रुकावट और नाकेबंदी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही जस्टिस अनु शिवरामन ने कहा कि मामले में कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। अदालत ने सरकार को हिंसा के खिलाफ उठाए गए कदमों पर विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई के लिए शुक्रवार की तारीख तय की।
चर्च ने की न्यायिक जांच की मांग
केरल के बंदरगाह मंत्री अहमद देवरकोविल ने कहा कि लगभग 7500 करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजना राज्य के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है। इसके काम को रोका नहीं जा सकता है। केरल के कानून और उद्योग मंत्री पी राजीव ने भी विरोध प्रदर्शन पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जब राज्य सरकार द्वारा घोषित पुनर्वास पैकेज के कार्यान्वयन और इसे प्रभावित परिवारों तक पहुंचाने सहित अधिकतर मांगों को स्वीकार कर लिया गया है तो परियोजना को अंतिम चरण में कैसे रोका जा सकता है।
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