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चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के पास है कंगारुओं को पीछे छोड़ने का ये शानदार मौका

अगर भारतीय टीम ऐसा कर लेती है तो वो चैंपियंस ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलियाई टीम को पीछे छोड़ देगी।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Fri, 26 May 2017 06:23 PM (IST)Updated: Sat, 27 May 2017 03:25 PM (IST)
चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के पास है कंगारुओं को पीछे छोड़ने का ये शानदार मौका
चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के पास है कंगारुओं को पीछे छोड़ने का ये शानदार मौका

नई दिल्ली, संजय सावर्ण। इस बार चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम को मजबूत दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है। भारतीय टीम ने दो बार इस खिताब को अपने नाम किया है और एक बार फिर से टीम इंडिया के पास मौका है इस खिताब को अपने नाम करने का साथ ही कंगारुओं को पीछे छोड़ने का भी। 

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ऐसे पीछे हो जाएगी ऑस्ट्रेलियाई टीम

भारत और ऑस्ट्रेलिया ने अब तक दो बार चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया है। भारत ने वर्ष 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी और वह मौजूदा चैंपियन भी है। इससे पहले भारत ने वर्ष 2002 में श्रीलंका के साथ संयुक्त रूप से इस खिताब को जीता था। ऑस्ट्रेलिया की बात करें तो उसने पहसे पहले वर्ष 2006 और फिर वर्ष 2009 में ये खिताब जीता था। ऑस्ट्रेलिया ने वर्ष 2006 में वेस्टइंडीज को तो 2009 में न्यूजीलैंड को हराकर खिताब अपने नाम किया था। भारत ने वर्ष 2013 में फाइनल में इंग्लैंड को हराकर चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता था। 

ऐसा रहा है फाइनल में भारत और ऑस्ट्रेलिया का सफर

चैंपियंस ट्रॉफी को पहले आइसीसी नॉक आउट टूर्नामेंट के नाम से खेला जाता था जिसकी शुरुआत वर्ष 1998 में हुई थी। ये हर दो वर्ष के अंतराल पर खेला जाता था। इसके बाद वर्ष 2002 में इसका नाम बदलकर चैंपियंस ट्रॉफी रख दिया गया। शुरुआत में ये भी दो वर्ष के अंतराल पर ही खेला जाता था बाद में इसकी समय सीमा बढ़ाकर चार वर्ष कर दी गई। चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत ने तीन बार जगह बनाई और दो बार खिताब जीता जबकि ऑस्ट्रेलिया ने दो बार इसके फाइनल में जगह बनाई और दोनों ही बार खिताब अपने नाम किया। 

कांटे का होगा मुकाबला

इस बार चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारत को ग्रुप बी में श्रीलंका, द. अफ्रीका और पाकिस्तान के साथ रखा गया है जबकि ग्रुप ए में इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और बांग्लादेश की टीम मौजूद है। इस बार जिस तरह का ग्रुप बनाया गया है उससे ये जाहिर है कि इस बार हर एक मुकाबला काफी मुश्किल होने वाला है। भारत ने अपना पहला खिताब सौरव गांगुली की कप्तानी में श्रीलंका के साथ संयुक्त रूप से जीता था, जबकि दूसरी बार धौनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने ये कमाल किया था। अब सबकी नजरें विराट की तरफ है कि क्या वो इस खिताब का बचाव कर पाएंगे। 

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