कानून मंत्रालय से सवाल, क्या पीआइओ चुनावों में कर सकते हैं प्रचार
हाल ही में संपन्न पंजाब विधानसभा चुनावों के दौरान भारतीय मूल के कई लोगों ने आम आदमी पार्टी (आप) के लिए प्रचार किया था।
नई दिल्ली, प्रेट्र : क्या भारतीय मूल के लोग (पीआइओ) लोकसभा और विधानसभा चुनावों में प्रचार कर सकते हैं? क्या इससे उनकी वीजा शर्तो का उल्लंघन नहीं होता? चुनाव आयोग ने केंद्रीय कानून मंत्रालय से ये सवाल पूछे हैं। क्योंकि चुनावों से जुड़े कानूनों में इस बात का कोई उल्लेख नहीं है कि कौन चुनाव प्रचार कर सकता है और कौन नहीं।
हाल ही में संपन्न पंजाब विधानसभा चुनावों के दौरान भारतीय मूल के कई लोगों ने आम आदमी पार्टी (आप) के लिए प्रचार किया था। हालांकि किसी भी राजनीतिक दल ने इस संबंध में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई, लेकिन राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने केंद्रीय चुनाव आयोग से इस बाबत जानकारी देने का अनुरोध किया। आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि यह सवाल उठने पर चुनाव आयोग ने विदेश मंत्रालय से जवाब मांगा। लेकिन, विदेश मंत्रालय ने आयोग को इसका जवाब कानून मंत्रालय से मांगने के लिए कहा। कानून मंत्रालय ने इस सवाल का कारण पूछा तो आयोग ने इसका पूरा विवरण और पृष्ठभूमि मंत्रालय को भेज दी। फिलहाल चुनाव आयोग कानून मंत्रालय के जवाब का इंतजार कर रहा है।
चुनाव आयोग का कहना है कि पीआइओ भारतीय नागरिक नहीं होते। वे आधिकारिक, निजी या पर्यटन के उद्देश्य से वीजा लेकर भारत यात्रा पर आते हैं। चूंकि चुनाव प्रचार वीजा पाने के उद्देश्य नहीं होता तो क्या वे ऐसा करके वीजा शर्तो का उल्लंघन नहीं करते।