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नोटबंदी के असर का ऑडिट करेगा CAG, कर राजस्व पर प्रभाव का होगा आकलन

नोटबंदी के बाद सरकार के कर राजस्व पर पड़ने वाले प्रभावों का आकलन कैग करेगा।

By Lalit RaiEdited By: Published: Sun, 26 Mar 2017 08:47 PM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2017 09:29 PM (IST)
नोटबंदी के असर का ऑडिट करेगा CAG, कर राजस्व पर प्रभाव का होगा आकलन
नोटबंदी के असर का ऑडिट करेगा CAG, कर राजस्व पर प्रभाव का होगा आकलन

नई दिल्ली, प्रेट्र । नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) नोटबंदी के असर और इस फैसले से सरकार के कर राजस्व पर पड़े प्रभाव का ऑडिट करने की तैयारी कर रहा है। कैग शशिकांत शर्मा ने यह जानकारी दी। शर्मा ने कहा कि कैग की नई वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत कर राजस्व का ऑडिट करने की योजना है। इसके अलावा उसने क्षमता निर्माण और अपने ऑडिट के तरीके व प्रक्रियाओं का पुनर्गठन शुरू किया है। विशेष ऑडिट के तहत कैग ने पहले ही कृषि फसल योजना और बाढ़ नियंत्रण व बाढ़ अनुमान का ऑडिट पूरा कर लिया है। अब वह शिक्षा के अधिकार, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, रक्षा पेंशन, गंगा पुनरोद्धार का ऑडिट कर रहा है। इनकी ऑडिट रिपोर्टे चालू साल के अंत तक तैयार हो जाएंगी।

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शर्मा के मुताबिक, कैग के पास सरकार के राजस्व और व्यय से किसी तरह का संबंध रखने वाले निकाय या प्राधिकरणों के ऑडिट का अधिकार है। कई शहर विकास निकायों, डिस्कॉम और मेट्रो निगमों का इसको लेकर विरोध खत्म हो जाएगा। वह बोले कि उनकी योजना नोटबंदी के वित्तीय प्रभाव से संबंधित कुछ मुद्दों खासतौर से इसके कर राजस्व पर पड़ने वाले असर को लेकर ऑडिट करने की है।

सरकार ने पिछले साल आठ नवंबर को 500 और 1000 के पुराने नोट बंद करने का एलान किया था। साथ ही पुराने नोटों में बेहिसाबी धन रखने वालों के लिए कर माफी योजना भी शुरू की। कैग के ऑडिट में नोटों की छपाई पर खर्च, रिजर्व बैंक के लाभांश भुगतान और बैंकिंग लेनदेन आंकड़ों को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा कैग ने सरकार को जीएसटी काउंसिल के शुरुआती मसौदे में धारा 65 को हटाने पर भी अपना रुख बता दिया है। इसके तहत कैग को जीएसटी के ऑडिट का अधिकार मिलता है।

शशिकांत शर्मा ने कहा कि उनके अधिकार के दायरे में पूर्व की किसी कराधान व्यवस्था की तरह जीएसटी भी आएगा। उन्होंने जीएसटी लागू होने के बाद इस चुनौती से निपटने के लिए अपनी राजस्व ऑडिट व्यवस्था के पुनर्गठन पर काम शुरू कर दिया है।शर्मा बोले कि कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका और लेखा परीक्षा की भूमिकाओं व जिम्मेदारियों में स्पष्ट अंतर है। कैग के सशक्तीकरण में किसी तरह की खामी नहीं है, लेकिन समय के साथ कामकाज के संचालन मॉडल में बदलाव आया है। 

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