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कैग की रिपोर्ट से मेरी कार्रवाई सही साबित हुई :खेमका

हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने गुरवार को कहा कि कैग की रिपोर्ट से वाड्रा डीएलएफ भू लाइसेंस सौदे में उनके द्वारा की गई कार्रवाई सही साबित होती है, लेकिन उन्हें अभी भी आरोप-पत्र के लांछन का दंश झेलना पड़ रहा है। राज्य की पूर्व भूपेंद्र सिंह हुड्डा

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 26 Mar 2015 06:35 PM (IST)Updated: Thu, 26 Mar 2015 07:21 PM (IST)
कैग की रिपोर्ट से मेरी कार्रवाई सही साबित हुई :खेमका

चंडीगढ़। हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने गुरवार को कहा कि कैग की रिपोर्ट से वाड्रा डीएलएफ भू लाइसेंस सौदे में उनके द्वारा की गई कार्रवाई सही साबित होती है, लेकिन उन्हें अभी भी आरोप-पत्र के लांछन का दंश झेलना पड़ रहा है। राज्य की पूर्व भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान खेमका ने स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्रा. लि. (राबर्ट वाड्रा के मालिकाना हक वाली कंपनी) और डीएलएफ के बीच भूमि सौदे को अवैध करार देते हुए उसे रद्द करने का आदेश दिया था।

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हालांकि, हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने इस भूमि सौदे में वाड्रा को क्लीन चिट दे दी थी। कैग रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए खेमका ने ट्वीट किया, 'कैग की रिपोर्ट से वाड्रा-डीएलएफ भूमि लाइसेंस सौदे में मेरी कार्रवाई सही साबित हुई है, लेकिन आरोप-पत्र के लांछन का दंश अभी भी झेल रहा हूं।' एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि असली अपराधी ही उनके बारे में फैसला कर रहे थे। उनका दर्द और पीड़ा राजनीति को स्वच्छ करने में मदद करेगा।

भ्रष्टाचार पर खेमका के ट्वीट ने मचाई हलचल

वर्तमान में राज्य के परिवहन आयुक्त खेमका ने तीसरे ट्वीट में कहा, 'लाइसेंस और परमिट की काला बाजारी सार्वजनिक धन की लूट है। क्या काला बाजारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।' नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में रॉबर्ट वाड्रा की स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी सहित कुछ बिल्डरों को हरियाणा की पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान अनुचित लाभ दिए जाने की आलोचना की गई है।

हरियाणा विधानसभा में बुधवार को पेश 2013--14 की कैग रिपोर्ट में सरकारी अंकेक्षक ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग को आड़े हाथों लिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विभाग ने सैद्धांतिक मंजूरी देते समय और लाइसेंसों के औपचारिक स्थानांतरण के समय यह सुनिश्चित नहीं किया कि कुल लागत पर 15 प्रतिशत से अधिक का लाभ सरकार के खाते में जाए। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे डेवलपर्स को सिर्फ जमीन बेचने से ही भारी मुनाफा हुआ और वहीं सरकार को एक अच्छी खासी राशि का नुकसान उठाना पड़ा।

भाजपा और कांग्रेस के अन्य प्रतिद्वंद्वी दलों ने पूर्ववर्ती भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के समय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को रीयल्टी कंपनी डीएलएफ के साथ भूमि सौदे में अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था। हालांकि, रिपोर्ट में वाड्रा का नाम नहीं लिया गया है लेकिन, इसमें उनकी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी का नाम जरूर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 2008 में डीएलएफ को गुड़गांव के मानेसर में बेशकीमती 3.5 एक़़ड जमीन का टुक़़डा 58 करोड़ रुपए में बेचा था।

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