'मिग-29 के' में कई खामियों पर कैग ने किया इशारा
भारत के महानियंत्रक लेखा परीक्षक ने वायुसेना के विमान मिग-29 के में कई खामियों की तरफ इशारा किया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र । भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने सशस्त्र सेनाओं की खामियों की ओर अपनी ताजा में रिपोर्ट में इशारा किया है। उसके मुताबिक नौसेना के मुख्य युद्धक जेट विमान मिग-29 के में कई अभियान संबंधी खामियां पाई गई हैं। यह गड़बडि़यां विमान के खराब इंजन, एयरफ्रेम और फ्लाइ बाय वायर सिस्टम के कारण हैं।
संसद में मंगलवार को पेश हुई रिपोर्ट में कैग का कहना है कि कई सारी खामियों के बावजूद तकनीकी रूप से स्वीकार कर लिया गया। इस बहुआयामी विमान के संयुक्त रक्षा फील्ड का हिस्सा होने के बावजूद इसके एयरफ्रेम, आरडी एमके-33 इंजन और फ्लाइ बाय वायर प्रणाली खराब हैं।
पूरी तरह बेदाग नहीं कोयला ब्लॉक नीलामी
इस विमान के सेवा में रहने की सीमा बहुत कम है। यह सेवा में 15.93 फीसद से लेकर 37.63 फीसद ही रहता है। वहीं, मिग-29के की उपलब्धता 21.30 फीसद से 47.14 फीसद रही है। दूसरी ओर, कैग का कहना है कि वायुसेना के दस सी-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमान का वायुसेना ने बहुत कम इस्तेमाल किया है। अमेरिका से 18,645 करोड़ के सौदे वाले इस पर परिवहन विमान के कम उपयोग से वायुसेना को भारी नुकसान हो रहा है।
भारतीय नौसेना में 'सी हैरियर' का स्थान लेगा मिग- 29 केयूबी एयरक्राफ्ट
भारतीय नौसेना की काला चीता 303 वीं स्क्वाड्रन के लिए भारत को रूस से रूसी विमान मिग-29 के / केयूबी मिल रहे हैं। भारत ने रूस से ऐसे 45 विमान ख़रीदने के लिए दो अनुबन्ध किए थे। जिनमें से छह विमान अभी तक भारत को नहीं मिले हैं। आशा है कि इस साल के अन्त तक भारत को ये छह विमान भी मिल जाएंगे। काला चीता नामक यह 303 वीं स्क्वाड्रन भारतीय विमानवाहक युद्धपोत आईएनए ’विक्रमादित्य’ पर तैनात है।
’समुद्री शिकारी’ (सी हैरियर) नामक ब्रिटिश लड़ाकू विमानों को हमेशा के लिए विदा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि आईएनए ’विराट’ नामक जिस युद्धपोत पर ये विमान तैनात थे, उसे भी पुराना हो जाने के कारण नौसेना से हटाया जा रहा है।