Move to Jagran APP

रेलवे को राजनीति से मुक्त करने को आए बंसल

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पवन बंसल को रेलमंत्री बनाया जाना हैरत भरा भले हो, लेकिन उन्हें तरजीह देने के पीछे एकमात्र वजह अनुभवी होते हुए राजनीतिक महत्वाकांक्षा का न होना और वित्तीय, कानूनी एवं संसदीय मामलों का जानकार होना है। उन्हें डॉ. सीपी जोशी पर शायद इसलिए तवज्जो दी गई क्योंकि गुजरात के मौजूदा और राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर जोशी रेलवे को उतना वक्त देने की स्थिति में नहीं थे जिसकी फिलहाल रेलवे को दरकार है।

By Edited By: Published: Sun, 28 Oct 2012 06:26 PM (IST)Updated: Sun, 28 Oct 2012 06:55 PM (IST)
रेलवे को राजनीति से मुक्त करने को आए बंसल

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पवन बंसल को रेलमंत्री बनाया जाना हैरत भरा भले हो, लेकिन उन्हें तरजीह देने के पीछे एकमात्र वजह अनुभवी होते हुए राजनीतिक महत्वाकांक्षा का न होना और वित्तीय, कानूनी एवं संसदीय मामलों का जानकार होना है। उन्हें डॉ. सीपी जोशी पर शायद इसलिए तवज्जो दी गई क्योंकि गुजरात के मौजूदा और राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर जोशी रेलवे को उतना वक्त देने की स्थिति में नहीं थे जिसकी फिलहाल रेलवे को दरकार है।

loksabha election banner

फेरबदल से पहले सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री जोशी को उस समय रेल मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था जब तृणमूल कांग्रेस के सरकार से बाहर होने के बाद मुकुल राय ने रेलमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। तकरीबन एक माह तक दो मंत्रालयों के बीच झूलते रहे डॉ. जोशी सड़क के बजाय रेल मंत्रालय ही चाहते थे, लेकिन सड़क परियोजनाओं की मौजूदा हालत को देखते हुए उन्हें उस मंत्रालय से हटाना फिलहाल मुनासिब नहीं समझा गया।

सीधी-सादी छवि के पवन बंसल भी संसदीय कार्य मंत्री के रूप में अपनी भूमिका में बहुत असरदार नहीं साबित हो पा रहे थे। संसद के बजट सत्र में लोकपाल विधेयक को लेकर मचे बवाल और फिर मानसून सत्र में भी भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर विपक्ष का गतिरोध उनके लिए मुसीबत बना हुआ था। ऐसे में उन्हें रेलवे देकर ससम्मान वहां से ट्रांसफर करना बेहतर समझा गया। इसमें उनके अनुभव, वित्तीय, कानूनी व वैज्ञानिक मामलों की समझ और विश्वव्यापी भ्रमण की भी भूमिका रही।

रेलवे को आज ऐसे ही व्यक्ति की जरूरत है जो उसे राजनीतिक मकड़जाल से उबार कर विकास और वित्तीय आत्मनिर्भरता की सीधी पटरी पर ले आए। संसदीय कार्यमंत्री रहने से पहले बंसल वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री रह चुके हैं। वह विज्ञान के साथ कानून के भी स्नातक हैं। वैसे वह 1986 में रेलवे विधेयक पर संयुक्त समिति के सदस्य भी रह चुके हैं। रेलमंत्री बनने के बाद एक चैनल को दिए अपने बयान में बंसल ने कहा कि वे रेलवे को आधुनिक, सुविधाजनक एवं स्वच्छ बनाने पर ध्यान देंगे।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.