गन्ना किसानों को राहत, समर्थन मूल्य में 25 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा
चीनी बाजार में भारी मंदी होने की वजह से पिछले दो सालों से गन्ने के मूल्य में कोई वृद्धि नहीं की गई थी। गन्ना मूल्य 230 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहा।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश के गन्ना किसानों को केंद्र सरकार ने तोहफा दिया है। 2017-18 के गन्ना वर्ष के लिए गन्ने का उचित व लाभकारी मूल्य 255 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। यह मूल्य पिछले साल के मुकाबले 10.87 फीसद अधिक है। चीनी बाजार में भारी मंदी होने की वजह से पिछले दो सालों से गन्ने के मूल्य में कोई वृद्धि नहीं की गई थी। गन्ना मूल्य 230 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहा।
घोषित यह गन्ना मूल्य न्यूनतम गारंटी है, जिसके ऊपर राज्य सरकारें समर्थित मूल्य (एसएपी) घोषित करती है, जो मिलों को देना पड़ता है। घोषित गन्ना मूल्य के साथ चीनी की रिकवरी के आधार पर प्रति अंक 2.68 रुपये मूल्य में जुड़ जायेगा। चालू गन्ना वर्ष में उत्पादन कम होने की वजह से चीनी की कीमतें तेज हो गई हैं। हालांकि सरकार ने कीमतों को काबू में करने के लिए एक लाख टन चीनी आयात का फैसला किया है। उधर, गन्ना खेती की लागत में लगातार वृद्धि से किसानों की परेशानी बढ़ रही थी। इसे देखते हुए सरकार ने गन्ना के एफआरपी में वृद्धि का फैसला किया है।
गन्ना मूल्य के लिए कृषि लागत व मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने राज्यों के परामर्श से यह फैसला लिया है। मूल्य तय करने के लिए उत्पादन, लागत, मांग-आपूर्ति की ताजा स्थिति, घरेलू व अंतरराष्ट्रीय बाजार में तुलनात्मक मूल्य को आधार बनाया जाता है। गन्ना मूल्य बकाया भुगतान को सतह पर पहुंचा दिया गया है। चालू 2016-17 में गन्ना बकाया पिछले साल के औसत बकाया के मुकाबले सबसे कम रहा।
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