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सवारियों से भरी बस के चालक को रास्ते में पड़ा दिल का दौरा, फिर क्या हुआ, पढ़ें..

दुर्गम पर्वतीय रास्तों पर सवारी लेकर नैनीताल जा रहे चालक को रास्ते में दिल का दौरा पड़ गया। चालक की सूझबूझ रही कि उसने वाहन को रोक दिया और बस को दूसरे चालक के हवाले कर दिया। सवारियों की जान बचाने वाले चालक की जान नहीं बच पाई।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 27 May 2016 03:03 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2016 09:33 AM (IST)
सवारियों से भरी बस के चालक को रास्ते में पड़ा दिल का दौरा, फिर क्या हुआ, पढ़ें..

हल्द्वानी। दुर्गम पर्वतीय रास्तों पर सवारी लेकर नैनीताल जा रहे चालक को रास्ते में दिल का दौरा पड़ गया। चालक की सूझबूझ रही कि उसने वाहन को रोक दिया और बस को दूसरे चालक के हवाले कर दिया। गमनीमत रही कि कोई हादसा नहीं हुआ, लेकिन चालक की जान नहीं बच सकी।

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काठगोदाम डिपो के चालक दीवान सिंह बिष्ट निवासी आवास विकास कालोनी हल्द्वानी आज सुबह बस संख्या यूके 07 पीए 0543 में सवारियां भरकर हल्द्वानी से नैनीताल के लिए चले।

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भुजियाघाट में अचानक दीवान सिंह की तबियत बिगड़ने लगी। इस पर दीवान सिंह ने बस को रोक दिया और दूसरे चालक के हवाले इस बस को कर दिया। इस पर दूसरा चालक बस को नैनीताल ले गया।

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उधर, दीवान सिंह दूसरे वाहन से हल्द्वानी बस स्टैंड आ गए। बस बस स्टेशन में पहुंचने के बाद उनको गंभीर हालत में रोडवेज स्टाफ ने बेस अस्पताल भर्ती कराया, लेकिन कुछ ही देर में उनकी मौत हो गई। मृतक दीवान सिंह की पुत्री कविता बिष्ट उत्तराखंड की ब्रांड अंबेसडर (एसिड पीड़त) है।
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