बंपर पैदावार से दाल आपूर्ति में होगा सुधार
मंत्री ने कहा कि मूल्य स्थिरीकरण निधि से दलहन मूल्य को नीचे नहीं आने दिया जाएगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दलहन फसलों की शानदार पैदावार से दालों की आपूर्ति में सुधार होगा। सरकार को उम्मीद है कि आने वाले दो तीन सालों में दालों की मांग आपूर्ति के अंतर को खत्म कर दिया जाएगा, जिससे देश दलहन के मामले में आत्मनिर्भर हो सकता है। राज्यसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने फसलों की उपज के अग्रिम अनुमान का हवाला देकर यह जानकारी दी।
चालू फसल वर्ष में कुल 2.21 करोड़ टन दलहन की पैदावार का अनुमान है। दलहन की इस शानदार उपज से दालों की आयात निर्भरता में कमी आने की संभावना है। कृषि मंत्री सिंह ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया कि देश की कुछ मंडियों में दलहन का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे आ गया है। ज्यादातर मंडियों में दालों के दाम एमएसपी से ऊपर बोली जा रहे हैं। किसानों की उपज के उचित मूल्य दिलाने के लिए ई-मार्केट प्लेटफार्म की शुरुआत की गई है।
मंत्री ने कहा कि मूल्य स्थिरीकरण निधि से दलहन मूल्य को नीचे नहीं आने दिया जाएगा। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि जिस ऊंचे मूल्य पर दालों का आयात किया जा रहा है, वही भाव घरेलू किसानों को भला क्यों नहीं दिया जा रहा है? एमएसपी बढ़ेगी तो उत्पादन का बढ़ना तय है। अपने जवाब में कृषि मंत्री सिंह ने कि हाल के वर्षो में दलहन की एमएसपी में 500 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है।
खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि सभी को पता है कि कुल 22 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किये जाते हैं, लेकिन अब तक केवल गेहूं व चावल की खरीद ही होती रही है। लेकिन इस सरकार ने दलहन की खरीद बड़े पैमाने पर करने का फैसला किया है। 20 लाख टन दालों का बफर बनाया गया है।
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