एससी/एसटी उद्यमियों के लिए मुद्रा बैंक स्थापित करेगी सरकार
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज वर्ष 2015-16 के लिए बजट पेश किया। इसमें छोटे उद्यमियों के लिए सूक्ष्म यूनिट विकास पुनर्वित एजेंसी (मुद्रा) का सृजनऋण देने में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को प्राथमिकता दी है। अपने बजट भाषण में उन्होंने कहा कि सरकार का विश्वास है कि विकास से
नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज वर्ष 2015-16 के लिए बजट पेश किया। इसमें छोटे उद्यमियों के लिए सूक्ष्म यूनिट विकास पुनर्वित एजेंसी (मुद्रा) का सृजनऋण देने में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को प्राथमिकता दी है। अपने बजट भाषण में उन्होंने कहा कि सरकार का विश्वास है कि विकास से समावेशी विकास होगा। जहां एक ओर बड़े कारपोरेट और कारोबारी कंपनियों को इसमें भूमिका निभानी है, वहीं दूसरी ओर इसे अधिकतम रोजगार सृजन में लगे अनौपचारिक क्षेत्र के उद्यमों द्वारा संपूरित करना होगा।
जेटली ने कहा कि लगभग 5.77 करोड़ छोटे व्यवसाय वाली इकाइयां हैं, इनमें से अधिकतर वैयक्तिक स्वामित्व की हैं, जो छोटे विनिर्माण, व्यापार अथवा सेवा व्यवसाय चलाती हैं और इनमें 62 प्रतिशत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/ अन्य पिछड़े वर्ग के व्यक्तियों के स्वामित्व में हैं। ये मेहनतकश उद्यमी पिरामिड के सबसे निचले पायदान पर हैं और उनके लिए ऋण की औपचारिक प्रणालियों तक पहुंच बनाना असंभव नहीं लेकिन मुश्किल अवश्य है।
बजट 2015: आयकर छूट में कोई बदलाव नहीं, सर्विस टैक्स बढ़ा
उन्होंने इसके लिए 20,000 करोड़ रुपये की निधि और 3000 करोड़ रुपये की गारंटी निधि से सूक्ष्म यूनिट विकास पुनर्वित एजेंसी (मुद्रा) के सृजन का प्रस्ताव किया है। मुद्रा बैंक सूक्ष्म वित्त संस्थाओं को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के जरिए वित्त पोषित करेगा। अनुसूचित ऋण देते समय जाति/अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
वर्ष 2015-16 के बजट से जुड़ी सभी खबरों को पढ़ने के लिए क्लिक करें