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भाई ने सगे भाई व दो भतीजों को जहर दिया, तीनों की मौत

आगरा में एक भाई ने अपने सगे भाई और दो भतीजों की जान ले ली। जिला जेल से पेशी पर आए दिनेश चंद्र सोनी और दो पुत्रों को दीवानी परिसर में ही पूड़ी और सब्जी में मिलाकर जहर दे दिया गया। इनमें से एक बेटे ने कल देर रात और पिता और दूसरे बेटे ने आज सुबह दम तोड़ दिया। इस मामले में दिनेश के भाई सुरेश चंद सोनी समेत एक दर्जन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

By Edited By: Published: Sat, 27 Sep 2014 12:47 PM (IST)Updated: Sat, 27 Sep 2014 12:47 PM (IST)
भाई ने सगे भाई व दो भतीजों को जहर दिया, तीनों की मौत

लखनऊ। आगरा में एक भाई ने अपने सगे भाई और दो भतीजों की जान ले ली। जिला जेल से पेशी पर आए दिनेश चंद्र सोनी और दो पुत्रों को दीवानी परिसर में ही पूड़ी और सब्जी में मिलाकर जहर दे दिया गया। इनमें से एक बेटे ने कल देर रात और पिता और दूसरे बेटे ने आज सुबह दम तोड़ दिया। इस मामले में दिनेश के भाई सुरेश चंद सोनी समेत एक दर्जन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

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जगदीशपुरा के भीमनगर के दिनेश चंद सोनी और सुरेश चंद सोनी में लंबे समय से विवाद चल रहा था। दोनों पक्षों ने इससे पहले एक-दूसरे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। साथ ही सुरेश ने परिवाद भी भाई दिनेश और भतीजों योगेंद्र व विशाल के खिलाफ दाखिल कर रखा था। इसमें तीनों के अदालत से वारंट जारी होने पर बीते माह पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। कल तीनों दीवानी में तारीख पर आए थे। दिनेश के घरवालों का आरोप है वहां समझौते के बहाने दूसरे पक्ष ने बुलाया। इसी दौरान भाई सुरेश ने तीनों को खाने के लिए सब्जी व पूड़ियां दीं। इन्हें खाने के कुछ देर बाद तीनों की हालत बिगड़नी शुरू हो गई। जेल के रास्ते में उल्टियां होने लगीं तो एसएन अस्पताल में भर्ती कराया। देर रात बेटे योगेंद्र की मौत हो गई। सुबह पिता दिनेश और कुछ देर बाद विशाल ने भी दम तोड़ दिया।

एसपी सिटी समीर सौरभ के मुताबिक विशाल ने सुरेश चंद सोनी और उनके भाई रमेश चंद सोनी आदि पर पूड़ी में जहर देने की बात कही थी। परिजनों ने अधिवक्ता भाई सुरेश समेत 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा लिखाया है।

पुलिस अभिरक्षा में कैदी को जहर देने पर उठे सवाल

पेशी पर आए योगेंद्र सोनी की मौत के बाद जेल से पेशी पर लाने के दौरान कैदियों की अभिरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़ा हो गया है। पूर्व में कैदियों में आपस में खून-खराबा होने, मुलाकातियों से नशे का सामान हासिल करने के मामले में सामने आ चुके हैं। जिसके बाद कैदियों पर मुलाकात के दौरान खाने-पीने का सामान देने पर रोक लगा दी गई थी। इसके बावजूद तीनों कैदियों तक जहर मिला खाना पहुंच गया। पूर्व में भी पुलिस अभिरक्षा में कैदी खून-खराबा कर चुके हैं।

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