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भारत-चीन सीमा पर बीआरओ ने तैयार किया 180 फीट लंबा पुल

बीआरओ भारत चीन सीमा पर समय सड़क निर्माण का कार्य तेजी से कर रहा है। बीआरओ ने आदि कैलास मार्ग पर स्थित नहल नामक स्थान पर 180 फीट लंबा मोटर पुल तैयार किया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 05 Dec 2016 12:24 PM (IST)Updated: Tue, 06 Dec 2016 06:50 AM (IST)
भारत-चीन सीमा पर बीआरओ ने तैयार किया 180 फीट लंबा पुल

धारचूला (पिथौरागढ़), [जेएनएन]: भारत चीन सीमा पर सड़क निर्माण में बीआरओ को एक और बड़ी उपलब्धि मिली है। आदि कैलास मार्ग पर साढ़े 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित नहल नामक स्थान पर 180 फीट लंबा मोटर पुल तैयार हो चुका है। आदि कैलास जाने वाले पर्यटक अब गुंजी से 15 किमी दूर तक का वाहन से सफर कर सकेंगे। इस मार्ग में दो अन्य पुलों का निर्माण होते ही सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित चीन सीमा से लगा अंतिम भारतीय गांव कुटी भी सड़क से जुड़ जाएगा।

भारत चीन सीमा पर इस समय सड़क निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। गर्बाधार से चीन सीमा लिपूलेख तक मार्ग निर्माण में जुटा बीआरओ बीते माहों में ही गुंजी, कालापानी में तीन पुलों का निर्माण कर चुका है। गर्बाधार से आगे लखनपुर के पास निजी निर्माण कंपनी सड़क बना रही है, जबकि उच्च हिमालय में गर्ब्यांग के पास से अंतिम भारतीय पड़ाव नावीढांग तक सड़क बन चुकी है। इधर गुंजी से जौलिगकोंग तक 32 किमी मार्ग में 15 किमी मार्ग तैयार हो चुका है। एक दिन पूर्व इस मार्ग में विशाल नहल नाले में 180 फीट लंबा मोटर पुल तैयार हो चुका है।

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जौलिंगकोंग तक सड़क निर्माण में दो और पुल बनने हैं। जिसमें एक पुल कुटी नदी और दूसरा पुल येंकंग के पास बनेगा। इन पुलों के बनने के बाद जौलिंगकोंग सड़क से जुड़ जाएगा। इसी के साथ अब तक अति दुर्गम आदि कैलास तक वाहन चलने लगेंगे। बीआरओ के ओसी मनीष नारायण ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सड़क निर्माण का कार्य तेजी के साथ चल रहा है। जल्दी ही भारत चीन सीमा पर स्वीकृत दोनों सड़कों का कार्य पूरा हो जाएगा। अंतिम भारतीय गांव कुटी भी सड़क से जुड़ जाएगा। उन्होंने नवनिर्मित पुल का शुभारंभ किया। इस मौके पर उनके सहायक पुष्पित भार्गव सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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कुटी गांव के कुंवर सिंह कुटियाल और पाल सिंह कुटियाल ने नहल तक सड़क निर्माण पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा है कि जौलिंगकोंग तक बनने से आदि कैलास तक आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, जिससे इस क्षेत्र में भी आजीविका के साधन बढ़ेंगे और पर्यटन विकास होगा।

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