Move to Jagran APP

हिंदू राष्ट्रवाद के विरोध में ब्रिटिश अखबार मुंबई की जगह लिखेगा बॉम्बे

ब्रिटेन का एक मशहूर अखबार द इंडिपेंडेंट भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई के लिए बॉम्बे नाम का ही प्रयोग करेगा। साल 1995 में आधिकारिक तौर पर बॉम्बे का नाम मुंबई किए जाने के बाद अखबार की ओर से ऐसा किए जाने की अनोखी वजह बताई जा रही है।

By Lalit RaiEdited By: Published: Thu, 11 Feb 2016 01:40 AM (IST)Updated: Thu, 11 Feb 2016 06:03 AM (IST)
हिंदू राष्ट्रवाद के विरोध में ब्रिटिश अखबार मुंबई की जगह लिखेगा बॉम्बे

नई दिल्ली। ब्रिटेन का एक मशहूर अखबार द इंडिपेंडेंट भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई के लिए बॉम्बे नाम का ही प्रयोग करेगा। साल 1995 में आधिकारिक तौर पर बॉम्बे का नाम मुंबई किए जाने के बाद अखबार की ओर से ऐसा किए जाने की अनोखी वजह बताई जा रही है।

prime article banner

हिंदू राष्ट्रवाद को देंगे चुनौती


अखबार ने इसकी वजह बताते हुए तर्क दिया है कि ऐसा हिंदू राष्ट्रवाद की सोच को चुनौती देने के लिए किया जा रहा है। अखबार के संपादक अमोल राजन ने इस बारे में कहा है कि बॉम्बे का असली मतलब एक खुले, सार्वभौम पोर्ट सिटी से है जो भारत का गेटवे है और दुनिया के लिए खुला हुआ है। अगर आप इसे उस नाम से पुकारते हैं जैसा कि हिंदू राष्ट्रवादी आपसे चाहते हैं, तो निश्चित तौर पर आप उनका काम करते हैं।

राष्ट्रीयता और डीएनए के आधार पर सभी हिंदू'

केंद्र सरकार और भाजपा पर निशाना

राजन ने केंद्र सरकार और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि बतौर एक पत्रकार और संपादक यह बहुत जरूरी है कि हम अपनी शब्दावली को लेकर काफी स्पष्ट रहें। मैं भारत की उस विरासत के साथ होना चाहूंगा जो दुनिया भर के लिए खुली हुई है ना कि उसके साथ जो संकीर्ण है और फिलहाल उफान पर है.

नाम से छेड़छाड़ पर साधी चुप्पी
द इंडिपेंडेंट के डिप्टी मैनेजिंग एडिटर सिन ओ' ग्रेडी ने इस बात की पुष्टि की है। इस बारे में उन्होंने कहा कि अखबार ने ऐसा तय किया है और आगे इसी नाम को जारी रखेगा। आधिकारिक तौर पर बदले गए नाम के साथ छेड़छाड़ से जुड़े सवाल पर उन्होंने चुप्पी साध ली।

मुंबादेवी के नाम पर बदला गया था बॉम्बे

बॉम्बे का नाम बदलकर मुंबई किए जाने के पीछे शिवसेना का दबाव बताया जाता रहा है. मुंबई नाम रखने की वजह मुंबादेवी के नाम को बताया गया है. मुंबादेवी को तटीय प्रदेश में सबसे पहले से रह रहे मछुआरों की रक्षक माना जाता है.


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.