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उल्टा पड़ा जनमत संग्रह पर कैमरन का दांव, ब्रिटेन में चुना जाएगा नया पीएम

जनमत संग्रह के फैसले के बाद 54 वर्षीय कैमरन ने कहा कि ब्रिटेन को नई सोच वाले प्रधानमंत्री की जरूरत है। अगले तीन महीने में नया पीएम चुन लिया जाएगा।

By anand rajEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2016 12:09 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2016 09:44 AM (IST)
उल्टा पड़ा जनमत संग्रह पर कैमरन का दांव, ब्रिटेन में चुना जाएगा नया पीएम

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। यूरोपीय संघ के बाहर होने का जनमत आने के बाद प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के फैसले पर अंगुली उठने लगी है। ब्रिटिश संविधान में ऐसा जनमत संग्रह कराने का कोई प्रावधान नहीं है। जाहिर है कैमरन जनमत संग्रह के फैसले को मानने के लिए बाध्य भी नहीं हैं। लेकिन उन्होंने दक्षिणपंथियों को किनारा करने के उद्देश्य से जनमत संग्रह की घोषणा कर दी। इस मामले में उनका दांव उल्टा पड़ गया।

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उनका मानना था कि आम ब्रिटिश यूरोपीय संघ के साथ खुश है और केवल कुछ दक्षिणपंथी इसको लेकर हंगामा करते हैं। लेकिन जनमत संग्रह कराने के खुद के फैसले पर मिली मात के बाद उन्होंने अपना पद छोड़ने की घोषणा कर दी।

54 वर्षीय कैमरन ने कहा कि ब्रिटेन को नई सोच वाले प्रधानमंत्री की जरूरत है। अगले तीन महीने में नया पीएम चुन लिया जाएगा।

दिखा शरणार्थियों का डर

जनमत संग्रह में अन्य यूरोपीय देशों के रास्ते आने वाले शरणार्थियों का भय साफ-साफ दिखा। दरअसल, कई यूरोपीय देश शरणार्थियों को लेकर कड़ा रवैया नहीं अपनाते थे। एक बार एक देश में घुसने के बाद शरणार्थी आसानी से संघ के अन्य देशों में आ-जा सकते हैं।

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धार्मिक कट्टरपंथ से पहले से जूझ रहे ब्रिटिश जनता को यह नया खतरा लगा। शरणार्थियों की समस्या को लेकर दक्षिणपंथियों के प्रचार ने असर दिखाया। इसके साथ ही यूरोप के अन्य गरीब मुल्कों से आने वाले सस्ते मजदूर से भी नौकरियां जाने और वेतन कम होने का खतरा दिखा।

हमेशा रही ब्रिटेन की दूरी

ब्रिटेन कभी भी पूरी तरह यूरोपीय संघ का हिस्सा नहीं रहा। ईयू की मुद्रा यूरो को अपनाने के साथ ही ब्रिटेन अपना पौंड चलाता रहा। संघ में शामिल होते समय ब्रिटेन ने धीरे-धीरे अपनी अलग मुद्रा खत्म करने का भरोसा दिया था। लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ। ब्रिटेन के बाहर होने के बाद संघ के भविष्य पर भी सवाल उठने लगे हैं। चेक प्रधानमंत्री बोहुस्लाव सोबोत्का ने कहा कि यूरोप में राष्ट्रीयता और अलगाववाद की एक नई लहर चल सकती है।

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