कमतर नहीं हैं बेटियां, बग्घी में सवार हो दुल्हन लेकर आयी बारात
राजस्थान में बेटियों को कमतर आंकते हैं और इसे देखते हुए वहां एक शादी समारोह में अनूठी पहल की गयी जिसमें लड़का नहीं बल्कि लड़की बारात लेकर निकली।
अलवर (जेएनएन)। आम तौर पर दूल्हा बारात लेकर दुल्हन के घर जाता है, पर राजस्थान के अलवर स्थित बहरोर में पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए दुल्हन ने महिला सशक्तिकरण का उदाहरण स्थापित किया और बारात लेकर निकलीं।
दुल्हन के कपड़ों में सजी एम.ए. इंग्लिश लिट्रेचर की छात्रा 25 वर्षीय जिया शर्मा घोड़ा बग्घी में सवार हो अपनी बारात को लेकर विवाह स्थल पर पहुंची तो सब हक्के-बक्के रह गए। जिया का साथ उनकी तमाम दोस्तों ने भी दिया और बारात में पूरे रास्ते डांस करते रहे। वहां के निवासी इस अनूठी बारात की एक झलक पाने को सड़कों पर निकल आए।
कैलाश शर्मा की सुपुत्री दुल्हन जिया शर्मा और दूल्हे होडल निवासी लोकेश पुत्र गिराज शर्मा की इस शादी में घरवालों ने बेटी को बेटे के बराबर सम्मान देकर अनूठी रस्मों की पहल कराई। जिया ने कहा कि उनके परिवार वालों ने किसी तरह का दहेज भी नहीं दिया है। वहीं गिराज शर्मा ने इसे समाज के लिए संदेश बताया और कहा कि बेटे और बेटी के बीच फर्क न करें। राजस्थान में लोग बेटी को अपने संतान के तौर पर नहीं अपनाना चाहते हैं।
बेटी की शादी की तैयारी करने के दौरान ही जिया की मां ने लोकेश के घर जाकर यह प्रस्ताव रखा था कि दुल्हे के बजाए दुल्हन बारात लेकर विवाह स्थल पर आएगी।
जिया ने बताया, ‘बहरोर में शिक्षिका के तौर पर कार्यरत मेरी मामी लंबे समय से महिलाओं के उत्थान के लिए काम कर रही हैं और मैं खुश हूं कि मेरे पति के परिवार की ओर से इसके लिए उदाहरण स्थापित करने में समर्थन मिला।गुरुग्राम स्थित एमएनसी में कार्यरत लोकेश ने कहा, ‘हमारी शादी यादगार होगी क्योंकि हमने बराबरी का संदेश देते हुए एक उदाहरण स्थापित किया है। यह मेरे लिए गर्व का क्षण है।‘
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