बिक्री में आई कमी से डरी ब्रेड कंपनियां, नहीं करेंगी इसका इस्तेमाल
ब्रेड में कैंसर वाले केमिकल की खबर आने के बाद से ही इसकी बिक्री में भी कमी आ गई है। इससे बचने के लिए अब ब्रेड कंपनियों ने इसको बनाने में कुछ चीजों का इस्तेमाल न करने की बात कही है।
नई दिल्ली (जागरण संवाददाता)। ब्रेड में कैंसर बढ़ाने वाले रसायन होने के दावे के बाद ब्रेड निर्माता कंपनियों ने पोटेशियम ब्रोमेट और पोटेशियम आयोडेट का इस्तेमाल नहीं करने का फैसला किया है। गुरुवार को ऑल इंडिया ब्रेड मैन्युफैक्च¨रग एसोसिएशन (एआइबीएमए) के पदाधिकारियों ने पत्रकार वार्ता में कहा कि इसके बहुत सारे विकल्प (स्कारबिक एसिड व डेटम) हैं, उनका इस्तेमाल किया जाएगा। अब रसायनों में बदलाव के फैसले के साथ ही बाजार में पहुंच चुके ब्रेड को वापस मंगाया जाएगा।
ब्रेड निर्माताओं ने कहा कि उनका यह फैसला किसी डर से नहीं, बल्कि आम लोगों की धारणा को बदलने के लिए लिया गया है। उनके मुताबिक अब भी उनका ब्रेड पूरी तरह सुरक्षित है और उन रसायनों का इस्तेमाल भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसआइ) के मानक अनुसार होता आया है। इन रसायनों के इस्तेमाल की अनुमति अमेरिका समेत कई विकसित राष्ट्रों में भी है।
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बता दें कि सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि ब्रेड में मिलाए जाने वाला पोटेशियम ब्रोमेट कैंसर का कारण बन सकता है। इसके बाद ब्रेड की बिक्री में गिरावट देखने को मिली है। निर्माताओं ने माना कि यह गिरावट 10 से 20 फीसद तक की रही है। हालांकि, एआइबीएमए के अध्यक्ष रमेश मागो का कहना है कि भ्रम फैलाने के लिए सीएसई के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को लेकर वह लोग इच्छुक नहीं हैं।
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सीएसई ने किया स्वागत ब्रेड कंपनियों द्वारा खुद से उठाए गए इस कदम का सीएसई ने स्वागत किया है। सीएसई की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि ब्रेड उत्पादकों ने पोटेशियम ब्रोमेट का प्रयोग बंद करने का अच्छा फैसला लिया है। ये है दुनिया का पहला रोबोट मोबाइल, करेगा बात के साथ डांस भी ब्रेड खाने की जरूरत ही क्या है: डॉ. एमसी मिश्रा एसोचैम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे एम्स के निदेशक डॉ. एमसी मिश्रा ने ब्रेड में पोटेशियम ब्रोमेट के इस्तेमाल के मामले पर कहा कि इससे दहशत में आने की जरूरत नहीं है। क्योंकि कोई भी व्यक्ति ब्रेड इतना नहीं खाता कि स्वास्थ्य को खतरा हो जाए। ब्रेड खाने की जरूरत ही क्या है।