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अक्षय तृतीया में गोल्‍ड खरीदते वक्‍त रहें सावधान, जानिए असली-नकली की पहचान

आज अक्षय तृतीया है और सोना खरीदना शुभ माना जाता है। लेकिन सोना खरीदने से पहले ये जान लेना आपके लिए जरूरी है कि सोना आखिर कितना सही है, कितना शुद्ध है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 28 Apr 2017 09:07 AM (IST)Updated: Sat, 29 Apr 2017 10:20 PM (IST)
अक्षय तृतीया में गोल्‍ड खरीदते वक्‍त रहें सावधान, जानिए असली-नकली की पहचान
अक्षय तृतीया में गोल्‍ड खरीदते वक्‍त रहें सावधान, जानिए असली-नकली की पहचान

पटना [जेएनएन]। आज अक्षय तृतीया है, जमकर सोने की खरीदारी होगी। पटना में इसे लेकर विभिन्न बैंको    और ज्वेलर्स शॉप में भी छूट की घोषणा की गई है। आज के दिन सोने की खरीदारी करना शुभ माना जाता है,लेकिन इससे पहले ये जरूर जांच लें की सोना असली है या नकली। एेसे में अगर आप सोने की शुद्धता आसानी से परख सकेंगे तो किसी भी धोखाधड़ी से आसानी से बच सकेंगे।

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22 कैरेट और 24 कैरेट में क्या होता है फर्क, जानिए 

सोने की शुद्धता का पहला पैमाना हॉलमार्क का निशान है। सोना खरीदते वक्त हॉलमार्क के निशान वाली ही ज्वैलरी खरीदें। हॉलमार्क सरकारी गारंटी है। हॉलमार्क का निर्धारण भारत की एकमात्र एजेंसी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) करती है।

हॉलमार्किंग योजना भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम के तहत गोल्ड संचालन, नियम और विनियम का काम करती है। हालमार्क वाली ज्वैलरी पर हॉलमार्क का निशान और कुछ अंक जैसे 999, 916, 875 लिखे होते हैं। इन्ही अंको में आपके सोने की शुद्धता का राज चुपा होता है।

ध्यान रहे हालमार्क के निशान के साथ 999 नंबर वाले सोने की ज्वैलरी 24 कैरेट की होती है। 999 का मतलब इसमें सोने की शुद्धता 99.9 फीसदी है। इसी तरह शुद्धता के आधार पर 23 कैरेट सोने पर 958, 22 कैरेट सोने पर 916, 21 कैरेट पर 875, 18 कैरेट पर 750 अंक पड़े होते हैं।

किस आधार पर तय किए जाते हैं ये नंबर

इन तीन अंकों के आधार पर सोने की शुद्धता पता करने के लिए आपको इस तरह की कोई सीरीज याद रखने की जरुरत नहीं है। इसको निकालने का सूत्र बड़ा ही साधारण है। मान लीजिए आपको 22 कैरेट सोने पर पड़ा नंबर ज्ञात करना है तो आप 22 को 24 से भाग देकर उसको 100 से गुणा कर दें। इससे आपको 22 कैरेट सोने पर पड़ने वाला अंक ज्ञात हो जाएगा। 22/24×100 = 916 । इसी नियम का प्रयोग करके आप सोने की शुद्धता के आधार पर पड़ा नंबर जान सकते हैं।

ऐसे पहचानें असली हॉलमार्क

हॉलमार्किंग में किसी उत्पाद को तय मापदंडों पर प्रमाणित किया जाता है। भारत में बीआईएस वह संस्था है, जो उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराए जा रहे गुणवत्ता स्तर की जांच करती है। यदि सोना-चांदी हॉलमार्क है तो इसका मतलब है कि उसकी शुद्धता प्रमाणित है। लेकिन कई ज्वैलर्स बिना जांच प्रकिया पूरी किए ही हॉलमार्क लगा रहे हैं। ऐसे में यह देखना जरूरी है कि हॉलमार्क ओरिजनल है या नहीं?

असली हॉलमार्क पर भारतीय मानक ब्यूरो का तिकोना निशान होता है। उस पर हॉलमार्किंग सेंटर के लोगो के साथ सोने की शुद्धता भी लिखी होती है। उसी में ज्वैलरी निर्माण का वर्ष और उत्पादक का लोगो भी होता है।

ध्यान रहे 24 कैरेट गोल्ड की नहीं बनती ज्वैलरी

 सबसे पहली बात यह कि असली सोना 24 कैरेट का ही होता है, लेकिन इसके अभूषण नहीं बनते, क्‍योंकि वो बेहद मुलायम होता है। आम तौर पर आभूषणों के लिए 22 कैरेट सोने का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें 91.66 फीसद शुद्ध सोना होता है। कई बार ग्राहक जानकारी के अभाव में गलती से 22 कैरेट वाली सोने की ज्वैलरी के बदले 24 कैरेट का दाम दे आते हैं।

ऐसे समझिए कैसे तय कर सकते हैं अपने गोल्ड की कीमत

अब आप हालमार्क का निशान और नंबर देखकर आप यह ज्ञात कर सकते हैं कि आपकी ज्वैलरी में कितने फीसदी शुद्ध सोना इस्तेमाल हुआ। सोने की कीमत का निर्धारण भी उसी हिसाब से करें। जैसे 24 कैरेट सोने का रेट अखबार पर 27000 है।

अब अगर आप बाजार में सोने की ज्वैलरी खरीदने जाते हैं तो मेकिंग चार्ज हटाकर आपकी ज्वैलरी की असली कीमत (27000/24)x22=24750 रुपए होगी। जबकि सुनार कई बार आपको 22 कैरेट सोना 27000 में ही देता है। यानी आप 22 कैरेट सोना 24 कैरेट सोने के दाम पर खरीद रहे हैं।

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इसी 18 कैरेट सोने की कीमत 27000/24X18=20250 होगी। कई बार ज्वैलर्स 18 कैरेट वाली ज्वैलरी पर 22 या 24 कैरेट के भाव लगाकर साथ में बड़े बड़े ऑफर्स का लालच देते हैं।

प्योरिटी सर्टिफिकेट लेना न भूलें

गोल्ड खरीदते वक्त आप ऑथेंटिसिटी/प्योरिटी सर्टिफिकेट लेना न भूलें। सर्टिफिकेट में गोल्ड की कैरेट क्वॉलिटी भी जरूर चेक कर लें। साथ ही गोल्ड ज्वैलरी में लगे जेम स्टोन के लिए भी एक अलग सर्टिफिकेट जरूर लें।

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लीजिए पक्की पर्ची

सिक्का या ज्वैलरी खरीदते वक्त कच्ची पर्चियां लेने का ट्रेंड है। लेकिन यह गलत है। कई बार वापसी के वक्त ज्वैलर खुद ही अपनी कच्ची पर्ची नहीं पहचानते, इसलिए पक्का बिल जरूर लें। बिल में सोने का कैरेट, शुद्धता, मेकिंग चार्ज, हॉलमार्क का जिक्र जरूर हो।


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