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माघ मेला पर होगी 'ब्लू हॉक' की नजर

बढ़ते आतंकी खतरे के मद्देनजर इस बार माघ मेला की निगरानी ब्लू हॉक कमांडो के हवाले होगी। यह पहली बार होगा जब कुंभ और अर्ध कुंभ के इतर यह कमांडो दस्ता संगमनगरी में होगा। ब्लू हॉक कमांडो का वह दस्ता है, जो अत्याधुनिक हथियारों से लैस होता है बेहद जटिल

By manoj yadavEdited By: Published: Tue, 25 Nov 2014 08:31 PM (IST)Updated: Tue, 25 Nov 2014 08:38 PM (IST)
माघ मेला पर होगी 'ब्लू हॉक' की नजर

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद। बढ़ते आतंकी खतरे के मद्देनजर इस बार माघ मेला की निगरानी ब्लू हॉक कमांडो के हवाले होगी। यह पहली बार होगा जब कुंभ और अर्ध कुंभ के इतर यह कमांडो दस्ता संगमनगरी में होगा। ब्लू हॉक कमांडो का वह दस्ता है, जो अत्याधुनिक हथियारों से लैस होता है बेहद जटिल परिस्थितियों में भी तत्काल कार्रवाई की क्षमता रखता है। इसके पहले कुंभ के दौरान भी यहां ब्लू हॉक कमांडो बुलाए गए थे।

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नीली वर्दी वाले यह कमांडो ब्लैक कमांडो से भी ज्यादा तेज-तर्रार माने जाते हैं। यहां आने वाले दस्ते में तकरीबन 12 कमांडो होंगे। ब्लू हॉक कमांडो दस्ता माघ मेला क्षेत्र में जनवरी के पहले सप्ताह में आएगा। वह त्रिवेणी रोड पर कैंप करेंगे। मेला क्षेत्र में जगह-जगह बने वाच टावर से वह पूरे क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इसके अलावा सुरक्षा के मद्देनजर एटीएस की टीम को भी बुलाया गया। हर बार की तरह इस बार भी वह किलाघाट के पास कैंप करेगी। आइजी जोन दलजीत सिंह चौधरी के मुताबिक दिसंबर के दूसरे सप्ताह से बाहर से आने वाली फोर्स की आमद शुरू हो जाएगी। माघ मेला डयूटी से पहले उनको प्रशिक्षित किया जाएगा। कमांडो दस्ते जनवरी के पहले सप्ताह में यहां आएंगे। वहीं, दिसंबर के दूसरे सप्ताह से शुरू होने वाले विशेष प्रशिक्षण शिविर में आइजी जोन दलजीत सिंह चौधरी पुलिस कर्मियों को भीड़ को नियंत्रित करने का गुर सिखाएंगे।

ये हैं ब्लू हॉक कमांडो

केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स के जांबाज जवानों का चयन करने के बाद उनको देहरादून स्थित हॉक इंस्टीट्यूट आफ कमांडो ट्रेनिंग में खासतौर पर प्रशिक्षित किया जाता है। यह कमांडो दस्ता बेसिक सिक्योरिटी, फायर फाइटिंग और इलेक्ट्रानिक प्रोटेक्शन की क्षमता से लैस होते हैं। इनके पास न सिर्फ नाइन एमएम की पिस्टल बल्कि ग्लॉ पिस्टल भी मौजूद होती है। जानकारों की मानें तो एक हॉक कमांडो असलहाधारी चार युवकों से लड़ने में सक्षम होता है।

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