गैस पाइपलाइन में धमाका, 15 जिंदा जले, 30 घायल
राजमुंदरी [आंध्रप्रदेश]। आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी क्षेत्र में शुक्रवार सुबह करीब पांच बजे एक दर्दनाक हादसे में भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड [गेल] की एक पाइपलाइन में गैस लीक होने से धमाके हुआ और आग लग गई। इसकी चपेट में आने से 15 लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल हो गए। आग ने निकट के एक गांव के घरों को चपेट में ले लिया था।
राजमुंदरी [आंध्रप्रदेश]। आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी क्षेत्र में शुक्रवार सुबह करीब पांच बजे एक दर्दनाक हादसे में भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड [गेल] की एक पाइपलाइन में गैस लीक होने से धमाके हुआ और आग लग गई। इसकी चपेट में आने से 15 लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल हो गए। आग ने निकट के एक गांव के घरों को चपेट में ले लिया था।
धमाका मामादिकुदुर मंडल के नागराम गांव में हुआ। आग ने आसपास के घरों, वाहनों और नारियल के पेड़ों को चपेट में ले लिया। 15 मिनट में सब कुछ तबाह हो गया। जिस 18 इंच की एक पाइपलाइन में धमाका हुआ, उससे विजयवाड़ा के निकट लंको के कोंडापल्ली पावर प्लांट को गैस आपूर्ति की जाती है। हादसा जिस स्थान पर हुआ, वहां से कुछ ही दूरी पर ओएनजीसी की तातीपाका रिफाइनरी स्थित है। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड पहुंची और आग पर काबू पाया।
अमालापुरम पुलिस के अनुसार घरों से 13 शव निकाले गए जबकि दो लोगों ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ा। 18 घायलों को जिले के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
स्टोव से लगी आग
नार्थ कोस्टल झोन के आईजी पुलिस अतुल सिंह ने दावा किया कि एक चाय वाले ने जैसे ही स्टोव जलाया धमाका हो गया और आग लग गई। हालांकि धमाके और आग लगने के वास्तविक कारण का पता नहीं लग पाया है।
2-2 लाख रपए की सहायता
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजन को 2-2 लाख रुपए और गंभीर घायलों को 50-50 हजार रुपए देने की घोषषणा की गई है।
भड़के ग्रामीणों ने किया पथराव
हादसे के विरोध में ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने गेल के स्थानीय अधिकारियों पर पत्थर फेंके। पुलिस ने समय पर कार्रवाई कर उनके प्रयास को विफल कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि रातभर से गैस की गंध आ रही थी लेकिन अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। उनका कहना था कि पाइपलाइन गांव के रहवासी इलाके से गुजरती है, फिर भी सुरक्षा के प्रति शिथिलता बरती जाती है। हालांकि एक पुलिस अधिकारी ने गैस की गंध आने के दावों पर कहा कि इसकी जांच की आवश्यकता है।
तब गैस के कुएं में लगी थी आग
1990 के दशक में भी जिले के पासारलापुडी गांव में एक गैस कुएं में आग लग गई थी,जिसे बुझाने में दो महीन लगे थे।
जांच के आदेश
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने अपने मंत्रालय के संयुक्त सचिव के नेतृत्व में हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। जांच दल में तेल उद्योग सुरक्षा निदेशालय,राष्ट्रीय आपदा राहत बल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि. के अधिकारी होंगे। गेल और ओएनजीसी जिनकी लाइन में हादसा हुआ है, उन्हें जांच से दूर रखा गया है।
प्रधान ने कहा कि गैस पाइपलाइन को बंद कर दिया गया है। आग पर काबू पा लिया गया है। प्रधान, पेट्रोलियम सचिव सौरभ चंद्रा, गेल चेयरमैन बीसी त्रिपाठी, ओएनजीसी चेयरमैन डीके सराफ के साथ हादसा स्थल का दौरा करेंगे।
राज्य स्तर पर भी जांच
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने राज्य स्तर पर भी हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं । नायडू ने अपना दिल्ली दौरा बीच में छो़़ड हादसा स्थल पहुंचे। उन्होंने उप मुख्यमंत्री एन. चिनाराजप्पा और कलेक्टर नीतू प्रसाद से फोन पर बात की और घायलों के समुचित इलाज कराने के आदेश दिए।
धमाके के वास्तविक कारण अभी पता नहीं है।जांच के बाद ही धमाके के कारणों का विवरण मिल पाएगा।
बीसी त्रिपाठी, अध्यक्ष गेल