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चेन्नई स्टेशन पर ट्रेन में धमाके, 1 की मौत, दो संदिग्ध हिरासत में

देशभर में चल रहे आम चुनाव के बीच बृहस्पतिवार को चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर खड़ी बेंगलूर-गुवाहाटी एक्सप्रेस की दो बोगियों में सिलसिलेवार धमाकों ने सनसनी फैला दी। बेंगलूर से गुवाहाटी जा रही ट्रेन में हुए दो धमाकों में एक महिला की मौत हो गई जबकि करीब 14 लोग घायल हैं।

By Edited By: Published: Thu, 01 May 2014 08:44 AM (IST)Updated: Fri, 02 May 2014 01:07 AM (IST)
चेन्नई स्टेशन पर ट्रेन में धमाके, 1 की मौत, दो संदिग्ध हिरासत में

चेन्नई। देशभर में चल रहे आम चुनाव के बीच बृहस्पतिवार को चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर खड़ी बेंगलूर-गुवाहाटी एक्सप्रेस की दो बोगियों में सिलसिलेवार धमाकों ने सनसनी फैला दी। बेंगलूर से गुवाहाटी जा रही ट्रेन में हुए दो धमाकों में एक महिला की मौत हो गई जबकि करीब 14 लोग घायल हैं। पुलिस अधिकारी इसे आतंकी हमला मानने से इन्कार नहीं कर रहे। इस मामले में दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। हालांकि उनकी पहचान उजागर नहीं की गई है। बहरहाल अभी तक किसी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। बता दें कि दो दिन पहले ही यहां एक श्रीलंकाई संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार किया गया था। उसके भारतीय आतंकी समूहों से संबंध होने की आशंका है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता और अन्य महत्वपूर्ण नेताओं ने शोक जताते हुए घटना की निंदा की है। जयललिता ने इस मामले की जांच में केंद्रीय मदद लेने से भी इन्कार कर दिया है। उनका कहना है कि राज्य की पुलिस धमाकों की जांच करने में सक्षम है। वहीं, घटना के बाद देशभर में हवाई अड्डों और महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

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ट्रेन के प्लेटफार्म पर पहुंचने के दस मिनट बाद ही सुबह 7:45 बजे एस-4 और एस-5 बोगियों में हुए कम तीव्रता के विस्फोटों ने व्यस्त स्टेशन पर अफरातफरी मचा दी। यात्री सुरक्षित जगह की तलाश में इधर-उधर भागने लगे। धमाके में मृत महिला की पहचान 24 वर्षीय स्वाति के रूप में हुई है जो कि बेंगलूर में टीसीएस की कर्मचारी थी। वह अपने दोस्तों के साथ आंध्र प्रदेश के गुंटूर जा रही थी। सभी घायलों को राजीव गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें दो की हालत नाजुक है। हालांकि डॉक्टरों ने सभी को खतरे से बाहर बताया है। धमाके के तुरंत बाद प्लेटफार्म की घेराबंदी कर दी गई। बम निरोधक दस्ते, फोरेंसिक विशेषज्ञ और खोजी कुत्तों के जरिए सुबूतों की तलाश की गई। तमिलनाडु सरकार ने मामले की जांच सीबीसीआइडी को सौंप दी है। रेलवे सूत्रों ने बताया कि घटना में क्षतिग्रस्त हुई तीन बोगियों को बदलकर ट्रेन को रवाना कर दिया गया। थोड़े व्यवधान के बाद बाकी ट्रेनें सुचारू रूप से चलने लगीं। ट्रेन में बम सेंट्रल स्टेशन पर लगाए गए या कहीं और, इन सभी पहलुओं की पुलिस जांच कर रही है। तमिलनाडु पुलिस ने बेंगलूर से चेन्नई तक विभिन्न स्टेशनों के रेलवे अधिकारियों को अलर्ट करते हुए सीसीटीवी फुटेज जांचने को कहा है ताकि संदिग्धों के बारे में कोई सुराग लग सके। साथ ही ट्रेन में बम कहां रखे गए, इसका पता चल सके। ट्रेन में सफर कर रहे दो लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।

उधर, सीबीसीआइडी ने जांच की कमान संभालते हुए क्षतिग्रस्त तीनों बोगियों को अपनी निगरानी में ले लिया है। टीम ने घटनास्थल से कुछ छर्रे और चीजें बरामद की हैं। इन्हें फोरेंसिक लेबोरेट्री में भेज दिया गया है। घटनास्थल का मुआयना करने के बाद राज्य के डीजीपी के रामानुजम ने बताया कि ऐसा लगता है कि बम रखने वालों का निशाना चेन्नई नहीं था। क्योंकि ट्रेन देरी से चल रही थी। संभव है कि उनके निशाने पर कोई और जगह रही हो। यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि विस्फोट में किस उपकरण का इस्तेमाल किया गया लेकिन तीव्रता कम थी और ट्रेन को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है। डीजीपी (चुनाव) अनूप जायसवाल ने साफ किया कि फिलहाल किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। रेलवे के प्रवक्ता अनिल सक्सेना ने बताया कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त (दक्षिण) एसके मित्तल भी इस मामले की जांच करेंगे।

राज्य और रेलवे ने किया मुआवजे का एलान

राज्य सरकार मृतक के परिवार को एक लाख रुपये जबकि गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार और अन्य जख्मी लोगों को 25-25 हजार रुपये के मुआवजे का एलान किया है। रेलवे ने भी मृतक के परिजनों को एक लाख रुपये देने की घोषणा की है। साथ ही गंभीर रूप से घायलों को 25-25 हजार और आंशिक रूप से जख्मी लोगों को पांच-पांच हजार रुपये देने का एलान किया है।

भगवान भरोसे 7500 ट्रेनों की सुरक्षा

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्र और राज्य सरकारों के बीच तालमेल की कमी का सीधा असर ट्रेनों की सुरक्षा पर पड़ रहा है। रेलवे की 65 हजार किलोमीटर लाइनों, 11 हजार ट्रेनों, सात हजार स्टेशनों और ढाई करोड़ यात्रियों की सुरक्षा महज 98 हजार जवानों के भरोसे है। इनमें आरपीएफ के 60 हजार और जीआरपी के 38 हजार जवान शामिल हैं। अभी तक मात्र 3475 ट्रेनों में सुरक्षा गार्ड तैनात किए जा सके हैं। यानी साढ़े सात हजार से अधिक ट्रेनों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है। 1275 ट्रेनों में आरपीएफ और 2200 में जीआरपी के जवान तैनात हैं।

रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार सभी जगह सुरक्षा प्रदान करना संभव नहीं है। इसीलिए आतंकवाद/नक्सलवाद प्रभावित या अशांत क्षेत्रों से गुजरने वाली ट्रेनों को सुरक्षा देने की नीति अपनाई गई है। मौजूदा कानूनी प्रावधानों के अनुसार राज्यों के दायरे में पड़ने वाले रेलवे स्टेशनों वहां से गुजरने वाली ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा का जिम्मा जीआरपी (गवर्नमेंट रेलवे पुलिस) का है, जो राज्य पुलिस का ही अंग होती है। रेलवे की ओर से इसका आधा खर्च वहन किया जाता है। जबकि केंद्रीय बल आरपीएफ (रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स) की जिम्मेदारी मुख्य रूप से रेल संपत्तियों की सुरक्षा करना है। फिलहाल आरपीएफ के पास 70 हजार के स्वीकृत बल के मुकाबले लगभग 60 हजार (आरपीएसएफ समेत) जवान हैं। इसके मुकाबले पूरे देश में जीआरपी के केवल 38 हजार जवान हैं। जिस चेन्नई स्टेशन पर बृहस्पतिवार सुबह धमाका हुआ वह दक्षिण रेलवे में आता है। इस जोन में आरपीएफ के 3700 तो जीआरपी के 2000 जवान हैं। हालत यह है कि संवेदनशील रेलवे स्टेशनों पर एकीकृत सुरक्षा प्रणाली लागू करने की योजना पांच साल में आधे रास्ते पहुंची है। 202 स्टेशनों के लिए मंजूर इस योजना कोकेवल सौ स्टेशनों में लागू किया जा सका है। जबकि 2008 के मुंबई हमले में शिवाजी टर्मिनस पर आतंकी कहर के बाद 2009-10 में गृह मंत्रालय की सलाह पर इसे लागू करने का निर्णय लिया गया था। तब इस पर 355 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान लगाया गया था, लेकिन देर होने से अब खर्च बढ़कर 500 करोड़ रुपये होने का अंदेशा है।

इस प्रणाली को आरपीएफ के जरिये लागू किया जाना था। इसके तहत सभी चिह्नित रेलवे स्टेशनों के प्रवेश द्वारों पर मेटल डिटेक्टर (डोर फ्रेम एवं हैंड हेल्ड दोनों तरह के) लगाए जाने थे। जबकि स्टेशन परिसर व प्लेटफार्मो की भीड़ वाली जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ ही कंट्रोल रूम बनाकर निगरानी के इंतजाम किए जाने थे। यात्रियों के सामान की जांच के लिए प्रवेश द्वारों पर स्कैनर, स्टेशनों पर बम निरोधक दस्तों तथा डॉग स्क्वाड की तैनाती के अलावा चुनिंदा ट्रेनों में आरपीएफ व महिला आरपीएफ की तैनाती भी इसके तहत की जानी थी।

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'कायरतापूर्ण वारदात के लिए जिम्मेदार लोगों को कानून के कठघरे में लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। केंद्र सरकार इस काम में राज्य की पूरी मदद करेगी।' -मनमोहन सिंह

ट्रेन में धमाका, देखें तस्वीरें

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