एक लाख करोड़ से भी ज्यादा कालाधन तलाशा
सरकार ने बीते वित्त वर्ष में एक लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा के कालेधन का पता लगाया है। आयकर विभाग की खोज एवं जब्ती कार्रवाई में 2012-13 के दौरान पता लगाई गई कुल रकम से यह दोगुने से भी अधिक है। सरकार ने बीते वित्त वर्ष में एक लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा के कालेधन का पता लगाया है। आयकर विभाग की खोज एवं जब्ती कार्रवाई में 2012-13 के दौरान पता लगाई गई कुल रकम से यह दोगुने से भी अधिक है।
नई दिल्ली। सरकार ने बीते वित्त वर्ष में एक लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा के कालेधन का पता लगाया है। आयकर विभाग की खोज एवं जब्ती कार्रवाई में 2012-13 के दौरान पता लगाई गई कुल रकम से यह दोगुने से भी अधिक है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान चलाए गए खोज अभियान में 10,791.63 करोड़ रुपये की अघोषित आय पकड़ी। जबकि सर्वे अभियान के जरिये 90,390.71 करोड़ रुपये की काली कमाई का पता लगाया गया। इस तरह इन दोनों अभियानों से पता लगाई गई कुल रकम 1,01,181 करोड़ रुपये बैठती है। कर चोरी रोकने के मकसद से आयकर विभाग ने व्यक्तियों, व्यावसायिक फर्मो, कॉरपोरेटों और अन्य वित्तीय संस्थानों के खिलाफ यह कार्रवाई की। इस दौरान विभाग ने 807.84 करोड़ रुपये की लागत की ज्वैलरी, एफडी और नकदी जैसी संपत्तियों को भी जब्त किया। विभाग ने 4,503 वॉरेंट का निष्पादन करने के साथ 569 संस्थाओं में छापा मारा।
जहां तक सर्वे अभियान का सवाल है तो विभाग की ओर से मार्च में खत्म हुए वित्त वर्ष के दौरान कुल 5,327 सर्वे किए गए। उससे पूर्व वित्त वर्ष में इनकी संख्या 4,630 थी। हैरानी की बात है कि सर्वे अभियान में पता चली कुल 90,390.71 करोड़ रुपये की अघोषित आय में 71,195 करोड़ की रकम सिर्फ एक कॉरपोरेट समूह की है। यह ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ा हुआ है।
एक वरिष्ठ आयकर अधिकारी ने बताया, खोज और सर्वे दोनों अभियानों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। यह अच्छा संकेत है। इससे पता चलता है कि आयकर विभाग की देश में कालेधन को लेकर सक्रियता बढ़ी है। कर चोरी रोकने के लिए खोज एवं सर्वे अभियान आयकर विभाग के महत्वपूर्ण हथियारों में से हैं।