Move to Jagran APP

विवादों में चार भाजपा नेत्री, दांव पर मोदी सरकार की साख

भ्रष्टाचार मुक्त भारत और सुशासन का दावा करने वाली नरेंद्र मोदी नीत सरकार की साख को एक-एक कर चार महिला नेताओं ने दांव पर लगा दिया है। ललित मोदी की मदद करने के मामले में जहां विपक्ष केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से इस्तीफे मांग

By Sachin kEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2015 03:22 AM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2015 07:46 AM (IST)
विवादों में चार भाजपा नेत्री, दांव पर मोदी सरकार की साख

नई दिल्ली, ब्यूरो/एजेंसी। भ्रष्टाचार मुक्त भारत और सुशासन का दावा करने वाली नरेंद्र मोदी नीत सरकार की साख को एक-एक कर चार महिला नेताओं ने दांव पर लगा दिया है। ललित मोदी की मदद करने के मामले में जहां विपक्ष केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से इस्तीफे मांग रहा है, वहीं डिग्री विवाद में बुधवार को स्मृति ईरानी के खिलाफ याचिका स्वीकार कर कोर्ट ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। 28 अगस्त को शिकायतकर्ता के बयान व सबूत दर्ज करने के बाद कोर्ट फैसला करेगी कि स्मृति पर केस चलेगा या नहीं। इधर, महाराष्ट्र की महिला व बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे पर 206 करोड़ रुपये घोटाले के आरोपों से नया विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष इस संबंध में बार-बार प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साध रहा है। मुश्किल में फंसी सरकार सफाई दे-देकर परेशान है।

loksabha election banner

1-सुषमा स्वराज, विदेश मंत्री
आरोप : 2014 में आईपीएल के पूर्व कमिश्नर व मनी लांड्रिंग व फेमा मामले के आरोपी ललित मोदी को ब्रिटेन सरकार से पुर्तगाल जाने के लिए वीसा दिलाने में मदद। बेटी बांसुरी व पति स्वराज कौशल मोदी के वकील रहे हैं।

बचाव में दलील : मानवीय आधार पर मदद की, क्योंकि मोदी को पत्नी के कैंसर के इलाज के लिए पुर्तगाल जाना जरूरी था।

क्या है अपराध : मोदी को किसी कोर्ट ने फरार या भगोड़ा घोषिषत नहीं किया है। मोदी की मदद अपराध नहीं, नैतिक रूप से यह गलत।

2-वसुंधरा राजे, मुख्यमंत्री राजस्थान
आरोप : 18 अगस्त, 2011 को राजस्थान में विपक्ष की नेता रहते ललित मोदी को लंदन में रहने की अनुमति देने के लिए ब्रिटेन के आव्रजन अधिकारियों को पत्र लिख गवाही दी। बेटे दुष्यंत की कंपनी में ललित की कंपनी ने 10 रुपये का शेयर 96 हजार रुपये के भाव से खरीदा।
बचाव में दलील: मोदी की मदद का खंडन किया। लेकिन ललित मोदी व कांग्रेस ने वसुंधरा के दस्तखत वाला पत्र मीडिया में जारी कर दिया। पत्र में वसुंधरा ने ललित से रिश्ते दशकों पुराने बताए थे। दुष्यंत ने कंपनी में निवेश को कानून के मुताबिक बताया।
क्या है अपराध : आईपीएल घोटाले के आरोपी से संबंध रखना कानूनी व नैतिक तौर पर गलत, पर ठोस अपराध नहीं बनता। निवेश की जांच जारी।

3- स्मृृति ईरानी, मानव संसाधन मंत्री
आरोप : मोदी सरकार में महत्वपूर्ण पद पाने के बाद से डिग्री विवाद। 2004, 2011 व 2014 में चुनाव आयोग को दिए शपथ-पत्रों में कभी बीए तक तो कभी बीकॉम पार्ट वन तक पढ़ाई का ब्योरा दिया।
बचाव में दलील : भाजपा ने कहा, टाइपिंग की गलती है। 2011 व 2014 के शपथ-पत्र में शिक्षा एक जैसी बताई गई है।
क्या है अपराध: शपथ-पत्र पर गलत जानकारी देना अपराध है। छह माह तक की सजा संभव। जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन सिद्ध होने पर सांसदी व मंत्री पद जा सकता है।

4-पंकजा मुंडे : महाराष्ट्र की मंत्री
आरोप : बच्चों के लिए नाश्ता व किताबें खरीदने के लिए बगैर टेंडर बुलाए एक दिन में 206 करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया।
बचाव में दलील : पंकजा ने कहा, सब नियमानुसार किया। महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ खडसे ने कहा-विपक्ष का काम है आरोप लगाना, सबूत नहीं मिलने तक आरोपों को गंभीरता से नहीं लेंगे।
क्या है अपराध
: तीन लाख रुपये से ज्यादा की राशि के ई-टेंडर बुलाना जरूरी। आरोप सही हुए तो गंवानी पड़ सकती है कुर्सी।

पीएम ने भ्रष्टाचार मुक्त एक साल की दी थी दुहाई
प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार का एक साल पूरा होने पर 26 मई को मथुरा रैली में एक साल में भ्रष्टाचार मुक्त शासन की दुहाई दी थी।

अटल सरकार को ममता, जया ने छकाया था
1996 और 1998 से 2004 तक केंद्र की भाजपा नीत अटल सरकार को तृृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी व अन्नाद्रमुक प्रमुख जयललिता ने मुश्किल में डाला था। 1999 में मायावती ने अटल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में वोट देने का वादा किया, लेकिन लोकसभा में वोटिंग के वक्त धोखा दे दिया और 13 दिन में सरकार गिर गई। वहीं, जयललिता अनुपातहीन संपत्ति मामले व तमिलनाडु की द्रमुक सरकार बर्खास्त करने की मांग को लेकर ब्लैकमेल करती थीं। वहीं, 1999 से 2001 तक अटल सरकार में रेलमंत्री रहीं ममता बनर्जी आर्थिक नीतियों के खिलाफ समर्थन वापसी की धमकियां देती रहती थीं।

साभारः नई दुनिया

पढ़ेंः किसी मंत्री का नहीं होगा इस्तीफाः राजनाथ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.