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हरियाणा में पहली बार खिला कमल, भाजपा की अपने बल पर सरकार

आखिरकार हरियाणा में मोदी लहर पर सवार भाजपा कमल खिलाने में कामयाब हो गई। राज्य में पिछले दस वर्ष से काबिज कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा और वह तीसरे नंबर की पार्टी बन गई। भाजपा स्पष्ट बहुमत के साथ अपने बल पर सरकार बनाने जा रही है।

By manoj yadavEdited By: Published: Sun, 19 Oct 2014 06:42 PM (IST)Updated: Sun, 19 Oct 2014 06:46 PM (IST)
हरियाणा में पहली बार खिला कमल, भाजपा की अपने बल पर सरकार

चंडीगढ़। आखिरकार हरियाणा में मोदी लहर पर सवार भाजपा कमल खिलाने में कामयाब हो गई। राज्य में पिछले दस वर्ष से काबिज कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा और वह तीसरे नंबर की पार्टी बन गई। भाजपा स्पष्ट बहुमत के साथ अपने बल पर सरकार बनाने जा रही है।

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90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में भाजपा 47 सीटें जीतकर जीत का परचम लहरा दिया। यह पहला मौका है, जब हरियाणा में भाजपा अपने बल पर सरकार बनाएगी। मोदी लहर ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया। 2009 में 4 सीटें जीतने वाली भाजपा ने दस गुना से ज्यादा सीटें हासिल कर लीं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के जमीन घोटाले समेत भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी कांग्रेस और तिहाड़ जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की भारतीय राष्ट्रीय लोकदल [इनेलो] को भारी नुकसान उठाना पड़ा। इनेलो 19 सीटें जीतकर दूसरे नंबर पर आ गई है और सत्तारूढ़ कांग्रेस 15 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर।

कौन बनेगा मुख्यमंत्री ?

हरियाणा में जीत के बाद मुख्य सवाल मुख्यमंत्री कौन बनेगा यह उभर रहा है, क्योंकि भाजपा के कई नेता इस पद की दौड़ में हैं। इनमें मनोहर लाल खट्टर, सुषमा स्वराज, अनिल विज, रामविसास शर्मा और कृष्णपाल गुर्जर [गैर जाट]। इनके अलावा जाट नेता ओमप्रकाश धनखड़ और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता कैप्टन अभिमन्यु शामिल हैं।

33 फीसद वोट से सरकार

केन्द्र में 31 फीसद वोट पाकर सरकार बनाने वाली भाजपा के वोट प्रतिशत में हरियाणा में भारी इजाफा हुआ है। राज्य के 33.2 फीसद मतदाताओं ने उसे चुना। वहीं कांग्रेस का मात्र 20.6 फीसद ने वोट दिए।

हुड्डा का इस्तीफा

करारी पराजय के बाद मुख्यमंत्री भूपेन्द्रसिंह हुड्डा ने राज्यपाल कप्तानसिंह सोलंकी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। वे 2005 से अक्टूबर 2014 तक मुख्यमंत्री रहे।

इसलिए भाजपा की जीत

-मोदी लहर का व्यापक असर। मोदी ने खुद 11 रैलियां कीं।

-जनता ने परिवार वाद की राजनीति को नकारा।

-डेरा सच्चा सौदा का भाजपा को समर्थन।

-जाट बहुल इलाकों में भाजपा ने लगाई सेंध

-कांग्रेस की दस साल से कायम सत्ता विरोधी लहर।

-जमीन घोटालों और भ्रष्टाचार से हुए बदनाम।

हरियाणा के नतीजे

पार्टी 2014 2009

भाजपा 47 04

कांग्रेस 15 40

भालोद 19 31

एचजेसी-बीएल 02 06

अकाली दल 01 01

बसपा 01 01

निर्दलीय 05 07

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