बिहार चुनाव में वर्तमान साथियों संग उतरेगी भाजपा
जनता परिवार के विलय को व्यावहारिक रूप देने की पहल के बीच भाजपा अपने गठबंधन को बहुत बड़ा आकार देने से बचना चाहती है। संभव है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का घटक राजग के साथ आंतरिक सहमति के आधार पर अलग ही मैदान में उतरे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जनता परिवार के विलय को व्यावहारिक रूप देने की पहल के बीच भाजपा अपने गठबंधन को बहुत बड़ा आकार देने से बचना चाहती है। संभव है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का घटक राजग के साथ आंतरिक सहमति के आधार पर अलग ही मैदान में उतरे।
भाजपा विपक्ष का पूरा आकलन कर ही अपनी रणनीति को अंतिम रूप देगी। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह पहले ही कह चुके हैं कि भाजपा के लिए फिलहाल सभी विकल्प खुले हैं। सूत्रों की मानें तो राजग के वर्तमान साथियों के साथ ही मैदान में उतरने की योजना है।
दरअसल, भाजपा नहीं चाहेगी कि सीटों का ज्यादा बंटवारा हो। साथ ही मांझी को साथ रखकर यह संदेश भी नहीं देना चाहेगी कि तय रणनीति के अनुसार ही मांझी सरकार गिराई गई। अगर मांझी अलग रहकर भी जदयू और राजद का वोट काटने में सफल रहते हैं तो राजग के लिए यह बढ़त होगी। ऐसे में भाजपा ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़कर अपने बूते ही विधानसभा में बहुमत हासिल करना चाहेगी।
गौरतलब है कि राजग के लिए पार्टी ने 243 सीटों में 185 का लक्ष्य रखा है। हालांकि जनता परिवार और उनका खेमा देखकर ही अंतिम फैसला लिया जाएगा। अगर सीटों के बंटवारे को लेकर उनमें एकजुटता दिखी तो राजग का खेमा बढ़ भी सकता है। उस स्थिति में मांझी भी भाजपा की नाव पर सवार हो सकते हैं।
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