भाजपा के विवादों में घिरने की होनी चाहिए पड़ताल
महाराष्ट्र में भाजपा सरकार के मंत्रियों के खिलाफ आरोपों से हुए विवाद के बीच सहयोगी शिवसेना ने कहा है कि इसकी पड़ताल करने की जरूरत है कि नई सरकार के सत्ता में आने के एक वर्ष के भीतर ही ऐसे मुद्दे क्यों उभर रहे हैं। शिवसेना ने कहा कि मंत्रियों
मुंबई। महाराष्ट्र में भाजपा सरकार के मंत्रियों के खिलाफ आरोपों से हुए विवाद के बीच सहयोगी शिवसेना ने कहा है कि इसकी पड़ताल करने की जरूरत है कि नई सरकार के सत्ता में आने के एक वर्ष के भीतर ही ऐसे मुद्दे क्यों उभर रहे हैं। शिवसेना ने कहा कि मंत्रियों के खिलाफ आरोपों से स्पष्ट है कि उनकी आकांक्षाओं के समक्ष बाधा खड़ी करने के लिए राजनीति की जा रही है।
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा गया है, 'भाजपा केंद्र और प्रदेश में संकट में है। केंद्रीय स्तर पर पैदा समस्याओं को अलग रख देना चाहिए, क्योंकि उनसे निपटने को नरेंद्र मोदी और अमित शाह जैसे नेता हैं, लेकिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को महाराष्ट्र में पार्टी के समक्ष उत्पन्न गंभीर मुद्दों से निपटने में मशक्कत करनी पड़ेगी।'
शिवसेना ने कहा, 'प्रतिदिन, किसी न किसी पर गलत कार्य करने के आरोप लगते हैं और फड़नवीस को बचाव करना पड़ता है। इसकी पड़ताल की जरूरत है कि प्रदेश में सत्ता में आने के एक वर्ष के भीतर ही ऐसी बातें क्यों सामने आ रही हैं।'
संपादकीय के अनुसार, समस्या तब शुरू हुई जब प्रदेश के जलापूर्ति व स्वच्छता मंत्री बबनराव लोनिकर से संबंधित फर्जी डिग्री विवाद सामने आया। फिर शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े पर ऐसे आरोप लगे। अब महिला व बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे पर बिना निविदा आमंत्रित किए ठेके देने के आरोप लगे हैं।
संपादकीय में कहा गया है, 'तावड़े और पंकजा दोनों भविष्य में मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। अगर इस बिंदू से विचार किया जाए तो इनकी आकांक्षाओं के समक्ष बाधा खड़ी करने की राजनीति के तौर पर देखा जा सकता है।'