Move to Jagran APP

अमित शाह ने दिया भाजपा के राज्यसभा सांसदों को जमीन से जुड़ने का मंत्र

बुधवार की बैठक इसलिए खास थी क्योंकि राज्यसभा के सभी 52 सांसदों की अलग से पहली बार बैठक बुलाई गई थी।

By Atul GuptaEdited By: Published: Wed, 31 Aug 2016 05:41 PM (IST)Updated: Thu, 01 Sep 2016 06:41 AM (IST)
अमित शाह ने दिया भाजपा के राज्यसभा सांसदों को जमीन से जुड़ने का मंत्र

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । भाजपा के राज्यसभा सांसदों को जमीन पर पार्टी का काम भी करना होगा और पार्टी की शक्ति के साथ खुद के लिए भी जमीन तैयार करनी पड़ सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी ने उन्हें जो स्थान दिया है वहां से उन्हें सक्रिय कार्यकर्ता के रूप मे उन लोगों तक पहुंचना होगा जो गरीब और उपेक्षित हैं और उन्हें पार्टी से जोड़ना होगा।

prime article banner

जबकि शाह ने पार्टी के राज्यसभा सांसदों को निर्देश दिया है कि ऐसे संसदीय क्षेत्र को चुनें जहां पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी नहीं जीत पाई थी। वहां काम करें और संगठन मजबूत करें। परोक्ष रूप से यह संकेत है कि उन्हें अपने दमखम के साथ चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार रहना होगा। पिछले एक सप्ताह में भाजपा ने संगठन के विस्तार और जनसमूह को जोड़ने की उच्च स्तर पर कवायद की। पहले सभी राज्यों के कोरग्रुप की बैठक, फिर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक और बुधवार को राज्यसभा सांसदों की बैठक का सार था जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रचार और उसके जरिए संगठन का विस्तार।

बुधवार की बैठक इसलिए खास थी क्योंकि राज्यसभा के सभी 52 सांसदों की अलग से पहली बार बैठक बुलाई गई थी। शाह ने शुरूआत में ही यह संदेश दे दिया था कि उन्हें लोकसभा सांसदों की तरह ही जमीन पर उतरना होगा। हारे हुए क्षेत्रों की जिम्मेदारी लेकर उसे उर्वर बनाना होगा। समापन संबोधन में मोदी ने भाजपा तुलनात्मक दृष्टि से युवाओं का राज्यसभा मे भेजा है। उन्हें विशिष्ट पहचान दी है। लिहाजा उन्हें ज्यादा सक्रिय होना चाहिए। जिस राज्य से चुनकर आए हैं वहां के मुद्दे तो उठाने ही चाहिए, दूसरे राज्यों में भी सक्रिय रहें। केंद्र सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाएं और नए वर्गो को पार्टी से जोड़े।

सोशल मीडिया का इस्तेमाल करें। भाजपा के आइटी प्रकोष्ठ ने सोशल मीडिया पर एक प्रजेंटेशन भी दिया। बैठक को केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भी संबोधित किया और प्रभावी सांसद बनने के गुर सिखाए तो संगठन महामंत्री रामलाल ने संगठन के साथ तालमेल बनाकर चलने की बात कही। बताते हैं कि जल्द ही राज्यसभा सांसदों को ऐसे क्षेत्रों की पहचान करनी होगी जहां वह जिम्मेदारी और जवाबदेही के साथ संगठन का काम करना चाहेंगे।

पढ़ें- भाजपा मुख्यमंत्रियों पर सर्वोत्तम प्रदर्शन की चुनौती: अमित शाह


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.