बाहरी नहीं होगा भाजपा का राष्ट्रपति उम्मीदवार
विपक्षी दलों के विचार जानने के बाद भारतीय जनता पार्टी तय करेगी अपना नाम..
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भावी राष्ट्रपति को लेकर चल रही अटकलों के बीच एक बात लगभग तय मानी जा सकती है कि भाजपा का उम्मीदवार कोई बाहरी नहीं होगा। शीर्ष स्तर पर यह मत है कि उच्चस्थ पद पर ऐसे ही किसी व्यक्ति को बिठाया जाना चाहिए जो सरकार और विश्व की सबसे बड़ी पार्टी की विचारधारा को समझता भी हो और मानता भी रहा हो। ऐसे में सर्वसम्मति बनाने की कोशिश जरूर होगी लेकिन दबाव स्वीकार नहीं किया जाएगा। विपक्षी दलों के विचार जरूर लिए जाएंगे लेकिन उम्मीदवार पर अंतिम फैसला पार्टी के अंदर होगा।
भाजपा ने विपक्षी दलों से बातचीत का दौर शुरू कर दिया है। शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और वेंकैया नायडू की मुलाकात होनी है। उससे पहले गुरुवार को वेंकैया ने राकांपा नेता शरद पवार से भी फोन पर बात की। पवार ने कहा कि वह अगले दो दिनों में दिल्ली में होंगे और तब विस्तृत चर्चा होगी। राजग सहयोगी टीडीपी के नेता और आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने फोन पर ही आश्वासन दे दिया कि प्रधानमंत्री जिसका नाम तय करेंगे वह उन्हें मंजूर होगा।
अगले दो तीन दिनों तक यह दौर चलेगा। सूत्रों की मानी जाए तो केंद्रीय मंत्रियों की समिति विपक्ष के सामने नाम प्रस्तावित करने के बजाय उनके विचार जानना चाहेगी। इस क्रम में कुछ संकेत जरूर दिए जा सकते हैं। माना जा रहा है कि यह राय स्पष्ट है कि भाजपा विचारधारा से जुड़े ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया जाए जो अपनी योग्यता के लिए भी जाना जाता हो और विपक्षी दलों के एक वर्ग को भी आकर्षित कर सकता हो। विपक्षी दलों और राजग सहयोगियों के साथ विमर्श करने के बाद भाजपा का शीर्ष नेतृत्व नाम तय करेगा। यह भी लगभग तय है कि राष्ट्रपति उम्मीदवार जाति पाति के कठघरे से बाहर होगा। ऐसा कोई समीकरण साधना जरूरी हुआ तो दो महीने के बाद उपराष्ट्रपति उम्मीदवार तय करने में इसका भी विचार किया जा सकता है।
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