हरियाणा में सीएम पद के 8 दावेदार, दिल्ली दरबार से 'नवरत्न' भी संभव!
परिणाम पक्ष में आने की संभावना ने उन वरिष्ठ भाजपा नेताओं को सक्रिय कर दिया है जो बेसब्री से मुख्यमंत्री बनने का इंतजार कर रहे हैं। हरियाणा में ऐसे कम से कम आठ नेता हैं, जिन पर मुख्यमंत्री के दावेदार के रूप में जब-तब चर्चा होती रही है। आठ की यह फांस गहरी उलझी तो सुलझाने के लिए पार्टी हाईकमान दि
रेवाड़ी [महेश कुमार वैद्य]। परिणाम पक्ष में आने की संभावना ने उन वरिष्ठ भाजपा नेताओं को सक्रिय कर दिया है जो बेसब्री से मुख्यमंत्री बनने का इंतजार कर रहे हैं। हरियाणा में ऐसे कम से कम आठ नेता हैं, जिन पर मुख्यमंत्री के दावेदार के रूप में जब-तब चर्चा होती रही है। आठ की यह फांस गहरी उलझी तो सुलझाने के लिए पार्टी हाईकमान दिल्ली दरबार से 'नवरत्न' भेज सकता है।
मुख्यमंत्री पद को लेकर इस समय एक साथ कई मंथन चल रहे हैं। जनता दरबार की भी दिल्ली दरबार पर निगाह है। पार्टी में एक वर्ग जहां जाट मुख्यमंत्री की बात कर रहा है, वहीं एक बड़ा वर्ग गैर जाट क्षेत्रों में मिलती दिख रही बड़ी सफलता को सामने रखकर किसी गैर जाट नेता को ही कमान सौंपने की वकालत कर रहा है।
पार्टी में वरिष्ठ जाट नेताओं की बात करें तो इस समय कैप्टन अभिमन्यु, चौ. बीरेंद्र सिंह व ओमप्रकाश धनखड़ प्रमुख दावेदार हैं, जबकि गैर जाट नेताओं में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह व कृष्णपाल गुर्जर के अलावा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रामबिलास शर्मा, मनोहर लाल खट्टर व अनिल विज का नाम चल रहा है।
बदलते समीकरण में किसी गैर जाट को ही सीएम बनाने की बात को बल मिलता दिख रहा है। गैर जाट में ब्राह्मण नेता के रूप में रामबिलास शर्मा है तो पंजाबी नेता के रूप में मनोहरलाल खट्टर व अनिल विज, जबकि पिछड़ा वर्ग से राव इंद्रजीत सिंह व कृष्णपाल गुर्जर हैं। जनाधार को तवज्जो मिली तो राव इंद्रजीत सिंह की ताकत की अनदेखी नहीं हो सकती।
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