कम वोट पाकर भी जीतना सीख चुकी है भाजपा: येचुरी
देश की चुनाव प्रणाली में व्यापक सुधार की मांग करते हुए माकपा ने कहा है कि हाल के दिनों में भाजपा की जीत महज एक तिहाई वोटरों के समर्थन पर टिकी हुई है। पार्टी मुखपत्र 'पीपुल्स डेमोक्रेसी' के संपादकीय में वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने लिखा है कि बहुकोणीय मुकाबले में महज एक तिहाई वोट हासिल करन
नई दिल्ली। देश की चुनाव प्रणाली में व्यापक सुधार की मांग करते हुए माकपा ने कहा है कि हाल के दिनों में भाजपा की जीत महज एक तिहाई वोटरों के समर्थन पर टिकी हुई है। पार्टी मुखपत्र 'पीपुल्स डेमोक्रेसी' के संपादकीय में वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने लिखा है कि बहुकोणीय मुकाबले में महज एक तिहाई वोट हासिल करने के बाद भी जीत जाने के खेल में भाजपा माहिर हो गई है। भाजपा की लगातार जीत से स्पष्ट है कि वह वर्तमान चुनावी व्यवस्था की विसंगतियों का फायदा उठा रही है। पार्टी के मुताबिक, केंद्र और राज्य में लगातार ऐसी सरकारों का गठन हो रहा है, जिनके पक्ष से ज्यादा वोट उनके खिलाफ डाले जा रहे हैं। 'जो अव्वल वही जीता' सिस्टम की विसंगति के चलते ऐसा हो रहा है। इसके साथ ही पार्टी ने 'आंशिक आनुपातिक प्रतिनिधित्व' प्रणाली पर विचार करने का सुझाव भी दिया है। आजकल कई पश्चिमी देशों में यह व्यवस्था अपनाई जा रही है।
चुनाव सुधार के लिए तर्क
-लोक सभा चुनाव में कुल वोट का महज 31 फीसद हासिल कर भाजपा ने सदन में बहुमत हासिल कर लिया।
-हरियाणा के चुनाव में कुल मतदान का 33 फीसद भाजपा के पक्ष में हुआ। फिर भी पार्टी चुनाव जीत गई।
-महाराष्ट्र में भाजपा गठबंधन को सिर्फ 29 फीसद वोट मिले। इसके बावजूद 123 सीटें जीतने में कामयाब हो गई।
-इन नतीजों से स्पष्ट है कि ये सरकारें वास्तव में बहुमत के समर्थन के आधार पर नहीं बन रही हैं।
-संसदीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए चुनाव सुधार की जरूरत है, ताकि सरकारें मतदाताओं के बहुमत से बनें।
गठबंधन की राजनीति खत्म नहीं
गठबंधन की राजनीति का युग खत्म हो जाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावे को माकपा ने उनका भ्रम करार दिया है। सीताराम येचुरी ने कहा है कि महाराष्ट्र में खुद भाजपा गठबंधन के जरिये ही सरकार बनाने जा रही है। यदि वह गठबंधन नहीं करेगी, तो जाहिर है कि विधायकों के खरीद-फरोख्त से सरकार बनाएगी। येचुरी ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के जरिये आरएसएस पर भी भाजपा को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है।