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मायावती की काट के लिए उदित राज को धार देने में जुटी भाजपा

उतर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सांसद डॉ. उदित राज भाजपा का दलित हितैषी चेहरा हो सकते हैं। भाजपा के रणनीतिकार उत्तर प्रदेश में उन्हें बसपा सुप्रीमो मायावती की काट के लिए बेहतर हथियार मानते हैं, जिसे धार देने के लिए वह अभी से तैयारी में

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 26 Jan 2016 10:47 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jan 2016 10:57 AM (IST)
मायावती की काट के लिए उदित राज को धार देने में जुटी भाजपा

नवीन गौतम, नई दिल्ली। उतर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सांसद डॉ. उदित राज भाजपा का दलित हितैषी चेहरा हो सकते हैं। भाजपा के रणनीतिकार उत्तर प्रदेश में उन्हें बसपा सुप्रीमो मायावती की काट के लिए बेहतर हथियार मानते हैं, जिसे धार देने के लिए वह अभी से तैयारी में जुट भी गए हैं।

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इसके लिए विभिन्न दलित संगठनों के साथ साथ भाजपा के कार्यकर्ता 26 जनवरी को उदित राज के जन्म दिवस को न्याय दिवस के रूप में मना रहे हैं। दिन में उनके संसदीय क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है तो रात में दिल्ली की आयकर आयुक्त उनकी पत्नी सीमा राज की तरफ से छतरपुर में रात्रिभोज का आयोजन हैं। इन दोनों ही कार्यक्रमों में भाजपा के दिग्गज नेताओं के जुटने की उम्मीद की जा रही है।

आइआरएस अधिकारी रह चुके डॉ. उदित राज अखिल भारतीय अनुसूचित जाति-जनजाति परिसंघ के माध्यम से लंबे समय से दलित आंदोलन चला रहे हैं। मगर पहली बार वह चर्चा में आए दिल्ली के रामलीला मैदान में अपने इसी संगठन के बैनर तले रैली करके। एक सप्ताह के दौरान ही मायावती, राम विलास पासवान की रैली के मुकाबले उन्होंने इस मैदान में सबसे ज्यादा भीड़ जुटा देश का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।

इसके पश्चात उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे इंडियन जस्टिस पार्टी के नाम से पार्टी बनाकर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार भी उतारे, लेकिन उम्मीद के अनुरूप सफलता नहीं मिली तो फिर दलित आंदोलन को की आगे बढ़ाने का फैसला किया।

उतार-चढ़ाव के बीच पिछले लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने अपने दल का भाजपा में विलय कर दिया। भाजपा ने इनाम स्वरूप उन्हें स्थानीय नेताओं के विरोध के बावजूद उत्तर पश्चिम दिल्ली में उन्हें अपना उम्मीदवार बना लोकसभा में भी पहुंचा दिया। दलित वोटरों को भाजपा के पाले में लाने के लिए इसके रणनीतिकारों ने उदित राज को हरियाणा, दिल्ली व बिहार के विधानसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से पहले मंच से भाषण दिलवाए, जिनके केंद्र में दलित मतदाता ही रहे।

दिल्ली व बिहार में भले ही भाजपा को सफलता नहीं मिली, लेकिन हरियाणा की सफलता में उदित राज की भूमिका को भी श्रेय भाजपा नेताओं विशेषकर संघ परिवार की ओर से दिया गया।

पढ़ेंः दलित मजबूरी में मायावती के साथ : पासवान


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