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क्या केजरीवाल सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे अन्ना? BJP ने दिया न्योता

AAP सरकार में सामने आ रहे घोटालों के खिलाफ भाजपा नेता सरदार आरपी सिंह ने अन्ना हजारे से दिल्ली सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करने की अपील की है।

By JP YadavEdited By: Published: Sun, 24 Jul 2016 08:34 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jul 2016 07:43 AM (IST)
क्या केजरीवाल सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे अन्ना?  BJP ने दिया न्योता

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार में सामने आ रहे घोटालों के खिलाफ भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सरदार आरपी सिंह ने अन्ना हजारे से दिल्ली सरकार के खिलाफ जन आंदोलन शुरू करने की अपील की है। इसके लिए उन्होंने अन्ना को पांच पन्ने का पत्र लिखा है।

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इसमें जनलोकपाल आंदोलन के समय अन्ना के सहयोगी रहे अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार के कामकाज की सभी जानकारी देने की कोशिश की गई है। पत्र में लिखा है कि अब समय आ गया है कि आप स्वयं कार्रवाई करें, दिल्ली आएं और आंदोलन करें।

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पत्र में उन्होंने लिखा है ‘आपके अथक प्रयासों, जनता से किए गए आह्वान, आपके विश्वास और आपकी सादगी ने समाज के सभी वर्गो को एक सूत्र में बांधा था। अगस्त 2011 में रामलीला मैदान में आपकी भूख हड़ताल और समर्पण ने करोड़ों लोगों के मन को प्रभावित किया और दिल्ली की जनता को परिवर्तन के लिए तैयार किया। एक ऐसा परिवर्तन, जिसकी मदद से आपके सबसे विश्वस्त सहयोगी अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की सत्ता मिली।

पत्र में लिखा है कि अन्ना जी जिस आंदोलन के माध्यम से गांधीवादी सिद्धांतों का पालन करके सामाजिक परिवर्तन लाना था, वह केजरीवाल के साथ ही एक राजनीतिक आंदोलन में बदल गया। इसे भी अभूतपूर्व जनसमर्थन मिला। इसका कारण था आपका आकर्षक व्यक्तित्व, चुनाव लड़ने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) का गठन और आपका आशीर्वाद।’

आरपी सिंह ने पत्र में आगे लिखा है कि आप को जबरदस्त समर्थन देने वाली दिल्ली की जनता अब अपने फैसले से दुखी है, क्योंकि सरकार का कामकाज अब संदेह के घेरे में है। राष्ट्रीय मंच पर उभरने के लिए पहले भी अरविंद केजरीवाल ने 49 दिनों के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

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अब अगले साल कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए वह दिल्ली से पलायन करने की तैयारी कर चुके हैं। भ्रष्टाचार, लोकपाल और स्वराज जैसे शब्दों का अपने फायदे के लिए सिर्फ इस्तेमाल किया जा रहा है।

प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव की बगावत के कारण पार्टी में विभाजन के डर से केजरीवाल ने 21 विधायकों को संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त करने का प्रलोभन दिया, जो पद एक राज्य मंत्री के समतुल्य होता है। दिल्ली सरकार का यह शासनकाल धोखा और अराजकता के काल के रूप में इतिहास में दर्ज होगा।

सरकार के नेतृत्व में हो रहे भ्रष्टाचारों की एक लंबी सूची है। इनमें भर्ती घोटाला, प्याज व चीनी घोटाला, ऑटो परमिट घोटाला, विज्ञापन घोटाला, सीएनजी स्टीकर घोटाला, पानी टैंकर घोटाला, प्रीमियम एप बस सेवा घोटाला आदि हैं। ताजा मामला मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार का रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तारी का है।

अन्ना को लिखे पत्र के आखिर में भाजपा नेता ने गुजारिश की है कि केजरीवाल सरकार ने उपराज्यपाल, नौकरशाही और केंद्र सरकार के साथ टकराव कर संवैधानिक विवाद का वातावरण बना दिया है। उक्त सभी आरोपों को साबित करने के लिए पुख्ता सबूत हैं।


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