भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर मोदी पर फिर बरसे अन्ना
भूमि अधिग्रण बिल को किसान विरोधी बताने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे ने एक बार फिर से नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने इस बिल को एक बार फिर किसान विरोधी बताते हुए कहा कि यदि 2013 में यह बिल लाया गया था तो तब भाजपा ने इस बिल का
नई दिल्ली। भूमि अधिग्रण बिल को किसान विरोधी बताने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे ने एक बार फिर से नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने इस बिल को एक बार फिर किसान विरोधी बताते हुए कहा कि यदि 2013 में यह बिल लाया गया था तो तब भाजपा ने इस बिल का विरोध क्यों नहीं किया था। उनका कहना था कि अब जब भाजपा सत्ता में है तो उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए अन्ना ने कहा कि जब सरकार किसानों की जमीन लेने की बात करती है तो कम से कम किसानों की राय तो जरूर लेनी ही चाहिए। लेकिन यह सरकार ऐसा भी नहीं करना चाहती है।
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने किसानों के हक के मसले पर संघर्ष का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जितना बड़ा संघर्ष होगा, उतनी बड़ी कामयाबी मिलेगी। अन्ना ने महाराष्ट्र का उदाहरण दिया कि वहां उन्होंने संगठन बनाया-संघर्ष किया और दो सरकारें गिर गई। संगठन में इतनी शक्ति होनी चाहिए कि सरकार न माने तो वह गिर जानी चाहिए। कोई सरकार हो, नाक दबाने से मुंह अपने आप खुल जाता है। बिजनौर से दिल्ली वापसी के दौरान अन्ना हजारे शुक्रवार सुबह मेरठ से गुजरे तो समर्थकों ने कई जगह स्वागत किया।
गौरतलब है कि पिछले दिनों अन्ना ने भूमि अधिग्रहण बिल पर दिल्ली के जंतर-मंतर पर दो दिन का अनशन भी किया था। इसमें कुछ राजनीतिक पार्टियों के नेता समेत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी शिरकत की थी। इस दौरान अन्ना ने कहा कि इस कानून के खिलाफ देश भर के हर गांव में पदयात्राएं निकाली जाएंगी और उन्हें इसके लिए जागरुक किया जाएगा। इसके बाद दिल्ली के रामलीला मैदान में फिर से आंदोलन किया जाएगा। अन्ना ने आरोप लगाया था कि यह सरकार अंग्रेज सरकार की ही तरह से काम कर रही है।
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