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एचआइवी/एड्स मरीजों के अधिकारों पर बिल राज्यसभा में पारित

उच्च सदन में मंगलवार को ह्युमन इमियुनोडेफेशेंसी वायरस (एचआइवी) और ह्युमन इमियुनोडेफेशेंसी सिंड्रोम (एड्स) के बचाव व नियंत्रण बिल, 2014 को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 21 Mar 2017 06:51 PM (IST)Updated: Wed, 22 Mar 2017 10:09 AM (IST)
एचआइवी/एड्स मरीजों के अधिकारों पर बिल राज्यसभा में पारित
एचआइवी/एड्स मरीजों के अधिकारों पर बिल राज्यसभा में पारित

नई दिल्ली, प्रेट्र। एचआइवी और एड्स के मरीजों को समान अधिकार देने वाला एक विधेयक राज्य सभा में पारित कर दिया गया। इस बिल के जरिए इन मरीजों को इलाज कराने, शिक्षण संस्थाओं में एडमिशन और नौकरियां मिलने में सुविधा होगी।

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उच्च सदन में मंगलवार को ह्युमन इमियुनोडेफेशेंसी वायरस (एचआइवी) और ह्युमन इमियुनोडेफेशेंसी सिंड्रोम (एड्स) के बचाव व नियंत्रण बिल, 2014 को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। इस विधेयक पर चर्चा के दौरान कई सांसदों ने इस विधेयक की धारा 14(1) में संशोधन का सुझाव दिया।

चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने जवाब दिया, 'मैं सदन को बताना चाहूंगा कि नियमों को बनाते समय हम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी को भी इलाज मना न किया जाए। जिस किसी को भी एचआइवी या एड्स है, हम उसे चिकित्सकीय उपचार देने को प्रतिबद्ध हैं। इस पर हम एक आक्रामक नीति बनाएंगे।' इस मुद्दे पर सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए नड्डा ने कहा, 'भारत किसी भी एड्स या एचआइवी पीडि़त का उपचार करेगा। भारत में जिस किसी को भी यह संक्रमण होगा भारत सरकार उसके इलाज का पूरा ख्याल रखेगी।' उन्होंने बताया कि सरकार ने इस साल के लिए एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

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