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केंद्र का एक साल पूरा, बिहार को मिलेगी रेलवे की विशेष सौगात

मोदी सरकार के एक साल पूरा होने की खुशी में रेल मंत्रालय बिहार को विशेष सौगात देने जा रहा है। यहां 30 जून को गंगा पर दो रेलवे पुल का उद्घाटन होने की संभावना है। इनमें पटना का दीघा-सोनपुर पुल और मुंगेर का पुल शामिल है। इतना ही नहीं सड़क

By anand rajEdited By: Published: Sun, 24 May 2015 08:07 AM (IST)Updated: Sun, 24 May 2015 08:36 AM (IST)
केंद्र का एक साल पूरा, बिहार को मिलेगी रेलवे की विशेष सौगात

नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। मोदी सरकार के एक साल पूरा होने की खुशी में रेल मंत्रालय बिहार को विशेष सौगात देने जा रहा है। यहां 30 जून को गंगा पर दो रेलवे पुल का उद्घाटन होने की संभावना है। इनमें पटना का दीघा-सोनपुर पुल और मुंगेर का पुल शामिल है। इतना ही नहीं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सहयोग से मोकामा में गंगा पर तीसरे सड़क-सह-रेल पुल के निर्माण का फैसला किया गया है।

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जमीन पर अतिक्रमण के कारण इन दोनों पुलों का निर्माण लंबे अरसे से पूरा नहीं हो पा रहा था, जो अब पूरा हो चुका है और इन पर परीक्षण के तौर पर मोटर ट्राली का संचालन किया जा रहा है। हालांकि विलंब के कारण इनकी निर्माण लागत बढ़ गई है। रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा के अनुसार, सरकार ने इन पुलों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने का निर्णय किया था। इनके पूरा होने के साथ ही क्षेत्र के लोगों को यातायात में काफी सहूलियत होगी। सिन्हा ने बताया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मोकामा में तीसरे रेल-सह-सड़क पुल के निर्माण में सहयोग का वादा किया है। सिन्हा ने गोरखपुर-लखनऊ लाइन के विद्युतीकरण का काम तीन महीने में पूरा हो जाने की भी उम्मीद जताई। इस बीच मुगलसराय-इलाहाबाद के बीच तीसरी लाइन को भी रेल मंत्रालय ने स्वीकृति दे दी है।

सिन्हा के अनुसार, एक वर्ष में सरकार ने रेलवे में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और ‘जिस राज्य का रेलमंत्री उसी राज्य की रेल’ की परंपरा को खत्म कर दिया है। अब अगली चुनौती रेल नेटवर्क का विस्तार करने की है। क्योंकि, आजादी के बाद यात्रियों की संख्या में 16-17 गुना, जबकि माल ढुलाई की मांग 7-8 गुना बढ़ी है। इसके मुकाबले रेलवे का नेटवर्क केवल सवा दो गुना ही बढ़ा है। इस तरह यातायात और नेटवर्क के बीच भारी अंतर पैदा हो गया है। पिछले 15 सालों में रेलवे के मुकाबले सड़क क्षेत्र में छह गुना अधिक निवेश हुआ है।

अब हमने रेलवे की 30 शीर्ष परियोजनाओं की समय सीमा तय कर दी है, जबकि 77 अन्य की समय सीमा तय की जाने वाली है। इसके लिए इस साल एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जा रहा है। 492 रेल खंडों पर सौ फीसद से यादा, जबकि 260 रेल खंडों में 80-100 फीसद यातायात है। इन पर यातायात सुगम बनाने के लिए 8,686 करोड़ की लागत से 7,000 किलोमीटर लाइनों के दोहरीकरण, तिहरीकरण और चौहरीकरण का निर्णय किया गया है।

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