बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी बनेगा महागठबंधन
नई दिल्ली। विधानसभा उपचुनावों में मोदी के विजय रथ को थामने में अब तक कामयाब रही कांग्रेस इस सफलता को विधानसभा चुनावों में भी आजमाना चाहती है। बिहार उपचुनावों में मिली बढ़त से उत्साहित कांग्रेस महा गठबंधन के प्रयोग को झारखंड में भी दोहराना चाह रही है। कांग्रेस को इस मामले में सफलता मिलती दिख रही है। राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
नई दिल्ली। विधानसभा उपचुनावों में मोदी के विजय रथ को थामने में अब तक कामयाब रही कांग्रेस इस सफलता को विधानसभा चुनावों में भी आजमाना चाहती है। बिहार उपचुनावों में मिली बढ़त से उत्साहित कांग्रेस महा गठबंधन के प्रयोग को झारखंड में भी दोहराना चाह रही है। कांग्रेस को इस मामले में सफलता मिलती दिख रही है। राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कांग्रेस आला नेताओं से मुलाकात के बाद गठबंधन को लेकर सैद्धांतिक सहमति बन गई है। हालांकि, राजद नेता लालू प्रसाद यादव के अस्पताल में होने और सीटों के बंटवारे को लेकर पार्टियों की रस्साकशी के बीच महागठबंधन की राह आसान नही है। कांग्रेस गठबंधन को लेकर ना-नुकुर कर रहे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को यह समझाने में कामयाब हो गई है कि भाजपा को रोकने के लिए गठबंधन समय की मांग है। अभी तक साथ चुनाव लड़ने को लेकर पैंतरेबाजी कर रहे झामुमो ने गठबंधन को लेकर अब सकारात्मक संकेत दिए हैं।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने राज्य में गठबंधन की अगुवाई के लिए झामुमो की मांग को स्वीकार कर लिया है। कांग्रेस ने इसे भी मान लिया है कि विधानसभा चुनाव सोरेन के कामकाज को आधार बनाकर ही लड़ा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में सोरेन ही हूटिंग को राज्य की अस्मिता से जोड़ कर चुनाव अभियान चलाया जाएगा। हालांकि, राज्य में मुख्यमंत्री के पद को लेकर बात नही बन पाई है कांग्रेस ने कहा है कि इसके लिए चुनाव बाद चर्चा की जाएगी। चुनावों को लेकर सोरेन की सहमति के बावजूद झारखंड में कांग्रेस के लिए चुनौती बड़ी है। सीटों के बटवारे में बनी बात बिगड़ न जाए इसको लेकर पार्टी सजग है। 81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में गठबंधन में आने वाले बाकी दल भी सीटों को लेकर रार ठाने हुए हैं।
राज्य विधानसभा में राजनीतिक दलों की मौजूदा स्थिति के मुताबिक झामुमो के पास 18, कांग्रेस के पास 14, बाबूलाल मरांडी के झाविमो पास 11 सीटें जबकि राजद के पास पांच और जदयू के पास चार सीटें हैं। कांग्रेस के पास 11 सीटों वाले बाबूलाल मरांडी के रूप में दूसरा विकल्प भी मौजूद है, लेकिन राजनीतिक रूप से काफी कमजोर हो चुके मरांडी की मांग उनकी स्थिति के अनुरूप नही है। ऐसे में कांग्रेस ने अपना ध्यान झारखंड मुक्ति मोर्चा पर लगा रखा है, लेकिन राजद सुप्रीमो के अस्पताल में होने के कारण सीटों के बटवारे को लेकर बात आगे नहीं बढ़ पा रही है।