Move to Jagran APP

भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता को झटका, मायावती का पटना जाने से इन्कार

लालू प्रसाद यादव 27 अगस्त को पटना में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्षी दलों की संयुक्त रैली कर रहे हैं। उनको बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती से तगड़ा झटका मिला है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 21 Aug 2017 01:50 PM (IST)Updated: Tue, 22 Aug 2017 10:07 AM (IST)
भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता को झटका, मायावती का पटना जाने से इन्कार
भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता को झटका, मायावती का पटना जाने से इन्कार

लखनऊ (जेएनएन)। राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव 27 अगस्त को पटना में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्षी दलों की संयुक्त रैली कर रहे हैं। उनको बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती से तगड़ा झटका मिला है।

loksabha election banner

मायावती ने कल ट्वीटर पर जारी एक पोस्टर के विरोध में अब रैली से किनारा कर लिया है। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया के राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद उनका राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया ने बिहार से राज्यसभा भेजने का ऑफर दिया था।

इसके बाद लालू प्रसाद यादव ने सोचा था कि भाजपा के खिलाफ संयुक्त विपक्ष के अभियान में मायावती भी शामिल होंगी। अब तो मायावती ने पटना में 27 अगस्त को आरजेडी की होनेवाली रैली में जाने से इन्कार कर दिया है। इससे लालू प्रसाद यादव की मुहिम को झटका लगा है।

लालू प्रसाद यादव ने 27 अगस्त को पटना में 'बीजेपी हटाओ, देश बचाओ' रैली आयोजित की है। इसमें देश के गैर-एनडीए दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। आरजेडी की इस रैली को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता को मजबूती मिलने के तौर पर देखा जा रहा है।

मगर, जैसे चुनाव का वक्त नजदीक आ रहा है, भाजपा के विरोधी दलों की उम्मीद को झटका लगता जा रहा है।लालू को उम्मीद थी कि उनकी रैली में पहली बार सपा और बसपा एक मंच पर नजर आएंगे। देश की मौजूदा सियासत में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की लगातार कोशिश की जा रही है। इसके लिए लालू यादव लगातार कोशिश कर रहे हैं और विपक्ष को एकजुट करने की जो पहल उन्होंने की है वो अब रंग लाने वाली है, लेकिन उनकी ये उम्मीद अब कमजोर होती जा रही है।

यह भी पढ़ेंबसपा ने कहा फर्जी है अखिलेश यादव और मायावती को साथ दिखाने वाला पोस्टर

बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के साथ सरकार बनाने वाले जनता दल यूनाइटेड ने सिर्फ उनका साथ छोड़ा बल्कि बिहार के आरजेडी-कांग्रेस से महागठबंधन तोड़कर एनडीए का दामन थाम लिया। मुख्यमंत्री तथा जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार का भाजपा के साथ जाना विपक्षी दलों के लिए बड़ा झटका साबित हुआ।

यह भी पढ़ें: गोरखपुर कांड में दबंगई दिखा रही योगी सरकार: राज बब्बर

लालू प्रसाद यादव के साथ रिश्तेदारी करने के बाद से उत्तर प्रदेश में सत्ता पर काबिज रही समाजवादी पार्टी की हालत भी ठीक नहीं है। इसमें तो पारिवारिक कलह चुनाव के बाद तक बदस्तूर जारी है। ऐसे में लालू प्रसाद यादव को मायावती की पार्टी के रूप में मजबूत साथ दिख रहा था। वह बिहार में राम बिलास पासवान के खिलाफ बहुजन समाज पार्टी को एक खंभे के रूप में खड़ा कर सकते थे। अब मायावती ने उनको इन्कार कर दिया है। 

तस्वीरों में देखें-बाढ़ के पानी से घिरे यूपी के हजारों गांव


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.