एक साल में मोदी सरकार के बड़े फैसले
केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने अपने कार्यकाल का एक पहला साल पूरा कर लिया। एक साल के दौरान इस सरकार ने कई छोटे-बड़े फैसले लिये, जिसका कहीं विरोध हुआ तो कहीं सरकार की कामयाबी पर थपकी भी मिली।
नई दिल्ली। केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने अपने कार्यकाल का एक पहला साल पूरा कर लिया। एक साल के दौरान इस सरकार ने कई छोटे-बड़े फैसले लिये, जिसका कहीं विरोध हुआ तो कहीं सरकार की कामयाबी पर थपकी भी मिली। वैश्विक स्तर पर छवि सुधारने में भी इस सरकार ने कई देशों के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया और अनेकों करार किये। तो आइए जानते हैं मोदी सरकार ने इस एक साल में कौन-कौन से बड़े और विवादित फैसले लिये।
मोदी सरकार के बड़े फैसले
1. विदेशों में जमा काले धन की खोज के लिए कमेटी का गठन
2. कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के साथ पाकिस्तानी उच्चायुक्त की मुलाकात के बाद विदेश सचिव स्तर की वार्ता रद्द
3. योजना आयोग का युग समाप्त, उसकी जगह नीति आयोग
4. सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति के लिए चल रहा कोलेजियम सिस्टम समाप्त। इसके लिए नए आयोग का गठन, जिसमें प्रधानमंत्री और भारत के मुख्य न्यायाधीश भी सदस्य
5. किशोर न्याय कानून में संशोधन। जघन्य अपराधों में 16 से 18 साल के किशोर पर भी व्यस्क की तरह मुकदमा चलेगा
6. मंहगाई रोकने के लिए नेशनल फूड ग्रिड बनाने का फैसला, अधिक उत्पादकता वाले इलाकों से कमी वाले इलाकों को जोड़ा जाएगा, ताकि फल और सब्जियों को समय पर पहुंचाया जा सके
7. रेलवे में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को हरी झंडी
8. पारदर्शी तरीके से कोयला ब्लाकों और स्पेक्ट्रम की नीलामी, सरकारी खजाने में आए लाखों करोड़ रुपये
9. रोजगार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए 'मेक इन इंडिया को बढ़ावा
10. उद्योग-धंधों को बढ़ावा देने के लिए कंपनी कानूनों में अहम बदलाव,
11. श्रम कानूनों की संख्या को 44 से घटाकर 16 किया।
12. 300 से अधिक पुराने कानूनों को खत्म करने के लिए उठाया कदम
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विवादित फैसले
-पिछले एक साल में नीतिगत फैसलों में विवाद केवल भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन पर रहा है।
- पार्टी नेताओं और मंत्रियों के बयानबाजी पर विवाद ज्यादा हुआ है।
विफलता
- पिछली यूपीए सरकार से तुलना करें तो अब तक किसी मोर्चे पर सरकार की विफलता नजर नहीं आती है।
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