बसपा काे अब हरियाणा में लगा झटका, पूर्व सांसद अरविंद शर्मा ने छोड़ी पार्टी
उत्तर प्रदेश के बाद बसपा को अब हरियाणा में तगड़ा झटका लगा है। पिछले विधानसभा चुनाव में सीएम प्रत्याशी रहे डा. अरविंद शर्मा ने बसपा को अलविदा कर दिया है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में बसपा के मुख्यमंत्री पद के घोषित उम्मीदवार रह चुके पूर्व सांसद डा. अरविंद शर्मा ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। इससे बसपा को हरियाणा में बड़ा झटका लगा है। अरविंद शर्मा का अगला राजनीतिक ठिकाना और राजनीतिक कदम क्या होगा इसका अभी उन्होंने खुलासा नहीं किया है। अगली शर्मा ने कहा है कि वह समर्थकों के साथ बैठ कर अगली रणनीति तैयार करेंगे।
तीन बार सांसद रह चुके हैं अरविंद शर्मा, समर्थकों से चर्चा कर अगली रणनीति का करें खुलासा
डा. अरविंद शर्मा ने 1996 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सोनीपत संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीतकर अपनी राजनीतिक पकड़ का अहसास कराया गया था। अरविंद शर्मा 2004 और 2009 में करनाल संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गए थे। 2014 का लोकसभा चुनाव भी शर्मा ने करनाल से ही लड़ा था, लेकिन भाजपा के अश्विनी चोपड़ा से पराजित हो गए थे।
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यमुनानगर से हार गए थे विस चुनाव
हरियाणा में दलित और ब्राह्मïण गठजोड़ की राजनीति का फार्मूला चलाने के लिए पूर्व सांसद अरविंद शर्मा बसपा में शामिल हो गए थे। बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें 2014 में ही हरियाणा में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार तक घोषित कर दिया था। शर्मा खुद भी यमुनानगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन मोदी लहर के चलते पराजित हो गए थे।
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अब उन्होंने बसपा को अलविदा कहकर अपने विरोधियों के लिए फिर से परेशानी खड़ी कर दी है। सूत्रों के अनुसार अरविंद शर्मा को एक धड़ा कांग्रेस में वापस लाना चाहता है, जबकि सांसद अश्विनी चोपड़ा के विरोधी उन्हें भाजपा में लाने की कोशिश में जुट गए हैैं।
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'' कार्यकर्ताओं ने कहा था इसलिए छोड़ दी बसपा
'' मैैंने किसी नाराजगी में बसपा नहीं छोड़ी है। मैैं अक्सर अपने क्षेत्र के लोगों के बीच जाता था तो कार्यकर्ताओं व समर्थक मुझसे कहते थे कि बसपा छोड़कर कोई दूसरा निर्णय लिया जाए। मुझे बसपा नेतृत्व से कोई शिकायत नहीं है। कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान किया है। जल्दी ही उनकी मीटिंग बुलाकर कोई नया फैसला लूंगा। मैैं कांग्रेस में जा रहा हूं या भाजपा में, यह सिर्फ कयास की बातें हैैं। जैसा कार्यकर्ता कहेंगे, वैसा करूंगा।
- डा. अरविंद शर्मा, पूर्व सांसद।