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इस भारतीय तेज गेंदबाज ने सचिन को किया था जीरो पर आउट, पर उससे पहले हुआ था ये

इस भारतीय तेज गेंदबाज ने सचिन को शून्य पर आउट कर दिया था मगर उससे पहले ये वाकया हुआ था।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Tue, 24 Jan 2017 03:15 PM (IST)Updated: Tue, 24 Jan 2017 11:10 PM (IST)
इस भारतीय तेज गेंदबाज ने सचिन को किया था जीरो पर आउट, पर उससे पहले हुआ था ये
इस भारतीय तेज गेंदबाज ने सचिन को किया था जीरो पर आउट, पर उससे पहले हुआ था ये

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने एक कार्यक्रम में अपने क्रिकेट करियर से जुड़े कई राज खोले। उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों से लेकर रणजी ट्रॉफी और फिर अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर से जुड़ी कई बातें बताईं।

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जब सचिन को किया था जीरो पर आउट

भुवनेश्वर कुमार ने बताया कि वर्ष 2008-09 के रणजी ट्रॉफी फाइनल में उन्होंने सचिन तेंदुलकर को शून्य पर आउट किया था। हालांकि उन्हें आउट करने के बाद भुवी खुद नहीं समझ पाए कि ऐसा कैसे हुआ था। ये पहली बार हुआ था जब रणजी ट्रॉफी में सचिन जीरो पर आउट हुए थे। सबसे मजेदार बात तो ये कि मैच से पहले भुवी जब होटल से निकल रहे थे उसी वक्त सचिन भी अपने कमरे से निकले। भुवी सचिन से मिलने उनके पास पहुंचे और फिर उन्हें गुड मॉर्निंग कहा। दोनें साथ में लिफ्ट से उतरे और जाने से पहले सचिन ने भुवी को 'ऑल द बेस्ट' कहा था।

धौनी जैसा कोई नहीं

भुवी ने कहा कि वर्ष 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच में जब वो दसवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे उस वक्त धौनी 121 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे। जब वो धौनी के पास आए तो उन्होंने कहा कि अपना नेचुरल खेल खेलो। भुवी पर कोई दबाव नहीं था बस उन्हें धौनी का साथ देना था। इसके बाद जब धौनी 190 पर पहुंच गए तो मुझे लगा कि वो मुझे संभलकर खेलने को कहेंगे मगर ऐसा नहीं हुआ। धौनी उनसे यही कहते रहे कि बिंदास खेलो, टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं है। भुवी ने बताया कि रणजी में कई बार जब खिलाड़ी अपने शतक के पास होते थे तो उनसे कहते थे कि संभलकर खेलो मगर धौनी ने ऐसा कुछ नहीं कहा। इस मैच में धौनी और भुवी के बीच नौवें विकेट के लिए 140 रन की साझेदारी हुई और धौनी ने 224 रन की पारी खेली थी।

बहन ने दिए थे नए जूते

जब भुवनेश्वर को 17 साल की उम्र में अपना पहला रणजी मैच खेलना था जब उनसे पास नए जूते नहीं थे। उन्होंने अपनी बहन को फोन किया जो दिल्ली में काम करती थीं। फिर उन्होंने भुवी के लिए जूते लिए और मेरठ रेलवे स्टेशन पहुंची। उन्होंने भुवी को नए जूते दिए हालांकि वो जूते थोड़े बड़े थे मगर भुवी ने उन्हें एडजस्ट करने के लिए दो मोजे पहले और फिर मैच खेला।

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