क्रेडिट कार्ड भेजने वालों से रहें सावधान
रिजर्व बैंक व सरकार डाल डाल तो जालसाज पात पात। जांच एजेंसियों और तमाम नियामकों की आंख में धूल झोंक कर भोले-भाले बैंक ग्राहकों को चूना लगाने का एक नया तरीका जालसाजों ने खोज निकाला है। अब ये कुछ टार्गेट पर लिए गए ग्राहकों को पहले ही क्रेडिट कार्ड भेज
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रिजर्व बैंक व सरकार डाल डाल तो जालसाज पात पात। जांच एजेंसियों और तमाम नियामकों की आंख में धूल झोंक कर भोले-भाले बैंक ग्राहकों को चूना लगाने का एक नया तरीका जालसाजों ने खोज निकाला है। अब ये कुछ टार्गेट पर लिए गए ग्राहकों को पहले ही क्रेडिट कार्ड भेज रहे हैं। ग्राहकों को उस कार्ड से पैसा भी निकालने देते हैं। भरोसा जीतने के बाद उन्हें बड़ी चपत लगाई जाती है। मजेदार बात यह है कि कार्ड सीधे भारतीय रिजर्व बैंक के नाम से जारी किए जा रहे हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) जालसाजों की इस नई तरकीब से बेहद परेशान है। इससे उसके नाम को बट्टा लगाने की कोशिशें बढ़ती जा रही हैं। पिछले हफ्ते आरबीआइ ने इस मुद्दे को लेकर आम जनता का भी ध्यान आकर्षित किया है। केंद्रीय बैंक ने आम जनता से अपील की है कि वह किसी प्रकार का क्रेडिट कार्ड जारी नहीं करता। लिहाजा, अगर कोई फोन कर यह सूचना देता है कि उनके नाम से कोई क्रेडिट कार्ड आरबीआइ ने भेजा है तो सावधान हो जाएं। इसकी सूचना रिजर्व बैंक के साथ ही स्थानीय पुलिस को भी दें।
दरअसल, वित्तीय जालसाजी कर आम जनता को लूटने वाले हमेशा से रिजर्व बैंक को आधार बनाते रहे हैं। पहले रिजर्व बैंक की तरफ से फंड ट्रांसफर करने के नाम पर सैकड़ों बैंक ग्राहकों को लूटा गया है। अब उन्होंने अपना तरीका थोड़ा बदल दिया है। नए तरीके के तहत ग्राहकों को फोन कर बताया जाता है कि रिजर्व बैंक ने उनके नाम से कुछ पैसे ट्रांसफर किए हैं। इसकी निकासी के लिए क्रेडिट कार्ड व पासवर्ड भेजा जाता है। ग्राहक को पहले थोड़ा पैसा निकालने दिया जाता है और फिर उसे बड़े फंड ट्रांसफर के लिए एक मोटी रकम की मांग की जाती है। जो अमूमन 10 हजार रुपये या 20 हजार रुपये होती है। पहले पैसा निकाल चुका ग्राहक उनकी बातों में आ जाता है और पैसा बताए हुए बैंक खाते में डाल देता है। इसके बाद न कार्ड काम करता है और न ही फोन नंबर। रिजर्व बैंक ने आम जनता से अपील की है कि वह केंद्रीय बैंक है और वह किसी भी तरह की बैंकिंग सेवा सीधे तौर पर ग्राहकों को नहीं देता।