अब भी बंगाल के मंत्री कर रहे हैं लालबत्ती का इस्तेमाल
पश्चिम बंगाल के मंत्री व नेता अब भी लालबत्ती लगी गाडि़यों में आराम से घूम रहे हैं। एक मंत्री सोमवार को लालबत्ती लगी अपनी कार पर सवार दिखे।
जेएनएन, कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश से वीआइपी कल्चर को खत्म करने के लिए वाहनों पर लालबत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। एक मई से पूरे देश में इस नियम को लागू किया जा चुका है। इसके बावजूद पश्चिम बंगाल सरकार के नेता व मंत्री पर प्रधानमंत्री के निर्देश का कोई असर नहीं पड़ा है।
यहां के मंत्री व नेता अब भी लालबत्ती लगी गाडि़यों में आराम से घूम रहे हैं। पश्चिम बंगाल के एक मंत्री सोमवार को लालबत्ती लगी अपनी कार पर सवार दिखे। राज्य के खेल व लोक निर्माण मंत्री अरूप विश्वास से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने उत्तर दिया कि हमारी सरकार ने इस पर (लालबत्ती पर) अब तक पाबंदी नहीं लगाई है।
यह भी पढ़ें: गुजरात के सभी 48000 बूथों पर जनता ने सुनी 'मन की बात'
एक मई से प्रभावी इस पाबंदी को लेकर केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि मंत्री लालबत्ती का इस्तेमाल अपनी कारों पर नहीं करेंगे। बहुत से मंत्रियों ने एक मई का भी इंतजार नहीं किया था और प्रधानमंत्री की अप्रैल के उत्तरार्द्ध में की गई घोषणा के तत्काल बाद ही अपनी कारों से लालबत्तियां हटा दी थीं। प्रधानमंत्री ने कहा था कि सिर्फ एंबुलेंस और आपातकालीन सेवाओं के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों को ही सड़क पर निर्बाध आवागमन का अधिकार मिलना चाहिए।
यह भी पढ़ें: 45 देशों में एक आवाज, एक पहचान, जानिए- PM मोदी की खास उपलब्धियां
वहीं आमतौर पर खुलेआम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करती रहने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी अक्सर खुद को एलआइपी (लीस्ट इंपॉर्टेंट पर्सन, यानी सबसे कम महत्वपूर्ण व्यक्ति) बताती रही हैं। हाल ही में अपने एक भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि नए भारत में वीआइपी नहीं, ईपीआइ का जोर होगा, जहां ईपीआइ का अर्थ है - प्रत्येक व्यक्ति महत्वपूर्ण है (एवरी पर्सन इज इंपॉर्टेंट)।